सिक्सटीन : सोलह बरस की ‘साली’ उमर को सलाम

निर्माता : शैलेश आर. सिंह, विश्वास जोशी
निर्देशक : राज पुरोहित
संगीत : प्रशांत पिल्लई, गौरव डगांवकर, एडम, एडी
कलाकार : इज़ाबेल, वकीमा गब्बी, महक
रिलीज डेट : 12 जुलाई 2013

सोलह साल की दुनिया में आपका स्वागत है। कुछ वर्ष पहले सोलह वर्ष की उम्र एक ऎसी उम्र हुआ करती थी जिसमें मासूमियत और मिठास होती थी। यही वह उम्र हुआ करती थी जब किसी को अपनी जिंदगी का पहला क्रश होता है। मगर अब चीजें बदल गई हैं। आज इंटरनेट, पेज-3 और 300 से ज्यादा टेलीविजन चैनल्स ने उस मासूमियत को खत्म कर दिया गया है। ‘सिक्सटीन’ कहानी है भारतीय शहरों में रहने वाले सोलह वर्षीय किशोरों की जिनका मासूम और खूबसूरत दिल कहीं खो सा गया है।

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अनु एक युवा, बुद्धिमान, खूबसूरत, संवेदनशील, महत्वाकांक्षी और बोल्ड लड़की है। उसके कपड़ों और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से लगता है कि वह एक महिला बन चुकी है। वह कई ब्रेकअप से गुजर चुकी है और मिस इंडिया बनना चाहती है ताकि वह एक दिन ग्लैमर दुनिया पर राज कर सके।

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एक साहसी लड़की तनीषा को तलाश है सच्चे प्यार की। तनीषा को ब्लाइंड डेट पर जाने में कोई परेशानी नहीं है। थोड़ी मासूम और बेहद खुशमिजाज लड़की निधि, अभी भी अपने पहले प्यार की तड़प से दुखी है। वह निंदक अनु और प्रेक्टिकल तनीषा जैसी बिल्कुल नहीं है। निधि आपके दिल में किशोरावस्था की सभी अच्छी यादें ताजा कर देगी। तनीषा की क्लास में पढ़ने वाला अश्विन उसका बेस्ट फ्रेंड है। वह एक अंतर्मुखी लड़का है जो तनीषा से मन ही मन प्यार करता है। अश्विन को उसके कठोर पिता आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते हैं।

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फिल्म ‘सिक्सटीन’ की कहानी इन्हीं किशोरों की जिंदगी पर आधारित है। वे कैसे प्यार में पड़ते हैं और फिर दिल टूटने से दुखी होते हैं। उनके खूबसूरत सपने और उन सपनों को स्कूल, घर और बाहरी दुनिया द्वारा तोड़ देने की दास्तान कहती है। फिल्म कहानी है उनकी दोस्ती और इस बढ़ती उम्र में मिलने वाले नए अनुभवों की। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उनके आसपास रहने वाले लोग, क्रूरता अथवा प्रेम से उनका मन किसी बात के लिए बनाने और बिगाड़ने का काम करते हैं। सिक्सटीन एक कॉमेडी फिल्म है जो आपको हंसाने के साथ ही बच्चों की जिंदगी के असल सत्य से रूबरू करवाएगी। यह आपको किशोरों की जिंदगी को करीब से समझने का मौका देगी।

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