भारतीय जनता पार्टी ने विदेशी संस्थागत निवेशकों समेत सभी संस्थागत निवेशकों को पूँजीगत लाभ कर के दायरे में लाने की माँग करते हुए कहा है कि ऐसा करके सरकारी खजाने में 15 हजार करोड़ रुपए का इजाफा होगा।
भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रकोष्ठ के संयोजक जगदीश शेट्टीगर ने कहा कि सभी विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को घरेलू संस्थागत निवेशकों के विपरीत अल्पावधि के लेनदेन पर पूँजीगत लाभ कर पर दस प्रतिशत को छूट मिलती है।
उन्होंने कहा कि एडवांस रूलिंग (एएआर) के आधार पर यह सुविधा दी जाती है जो समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि एफआईआई को यह छूट देने का कोई औचित्य नहीं है। वैसे भी उस पर हवाला या अन्य गलत स्रोतों के जरिये देश की अर्थव्यवस्था में घुसपैठ करने का संदेह है। खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने स्टाक मार्केट में आतंकवादियों का पैसा लगे होने का संदेह व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि पार्टिसिपेटरी नोट के जरिये स्टाक मार्केट में निवेश को रोकने के लिए केन्द्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गत वर्ष मई में प्रयास किया, लेकिन उसके बाद स्टाक मार्केट में इतनी ज्यादा उठापटक हुई कि उन्हें 24 घंटे के भीतर तीन बार अपना बयान बदलना पड़ा।
शेट्टीगर ने कहा कि पिछले चार वर्षों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के शासन में स्टाक मार्केट में इतने बड़े पैमाने पर धन लगाया गया कि सेंसेक्स ने 17 हजार के आँकड़े को पार कर लिया।