आशा भोसले : सेहत के प्रति रखें सावधानी

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प्रसिद्ध पार्श्वगायिका आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 में महाराष्ट्र के सातारा में मेष चंद्र लग्न में हुआ। किसी भी जातक के वर्तमान के बारे में जानना हो तो वर्तमान ग्रहों की स्थिति को जन्म लग्न में जन्म के समय के ग्रहों के साथ रखकर देखा जाना चाहिए।

आशाजी का जन्म लग्न सिंह है, वहीं चंद्र लग्न मेष है। चंद्र लग्न वर्तमान स्थिति को जानने का रहता है। वर्तमान के ग्रहों में शनि सर्वाधिक प्रभाव डालता है, जो ढाई वर्ष एक राशि पर रहता है, फिर उसके बाद राहु जो एक राशि पर अठारह महीने रहता है। उसके बाद आता है गुरु, जो लगभग तेरह माह तक रहता है।

जन्म के समय गुरु कन्या में, शनि मकर में, वक्री राहु कुंभ में था। वर्तमान में शनि की स्थिति कन्या में होकर 16 नवंबर से तुला में रहेगा। राहु वृश्चिक में पूरे वर्ष भर रहेगा व गुरु मेष में रहेगा, जो 17 मई 2012 तक रहेगा फिर वृषभ में रहेगा। यह थी ग्रहों की स्थिति।

आइए अब जानें क्या कहते हैं आपके इस वर्ष के सितारे :-

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वैसे आशाजी के बारे में सभी जानते हैं कि उन्होंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए हैं व करीब आठ सौ से अधिक गानों के साथ-साथ उत्तम सुपरहिट एलबम में भी उनकी गायकी का जादू छाया हुआ है।

इस वर्ष राहु का गोचर भ्रमण वृश्चिक से अष्टम भाव से चंद्र लग्न से भ्रमण करेगा, अष्टम भाव आयु का है अतः स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना पडे़गा। अकस्मात किसी बीमारी के योग बन रहे हैं। इधर शनि कन्या में है जो षष्ट भाव से भ्रमण कर रहा है, सो 16 नवंबर तक कोई रोग की संभावना तो नहीं है, फिर भी सावधानी अभी से रखना होगी। तत्पश्चात ढाई वर्ष तक शनि आपकी कुंडली में चंद्र लग्न से सप्तम भाव से भ्रमण करेगा जो मंगल के साथ रहकर लग्न व राशि पर भी पूर्ण दृष्टि डालेगा।

मंगल-शनि साथ हो तो कुछ ना कुछ गड़बड़ अवश्य करते हैं, फिर राशि मेष जो मंगल प्रधान है उस पर भी शनि की गोचरीय पूर्ण दृष्टि जीवन को प्रभावित कर सकती है। लेकिन गुरु 17 मई तक आपकी कुंडली में रहेगा तब तक शनि का विशेष विपरीत प्रभाव नहीं रहेगा लेकिन लापरवाही भी ठीक नहीं रहेगी।

आपको महामृत्युंजय का अनुष्ठान करवाना उत्तम रहेगा। पुखराज सव्वा आठ रत्ती का गले में शुभ मुहूर्त में पहनना लाभदायक रहेगा।

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