प्रियंका चोपड़ा : सावधानी रखना होगी

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प्रियंका चोपड़ा का जन्म 18 जुलाई 1982 को जमशेदपुर में तुला लग्न वृषभ राशि में हुआ। प्रियंका की अनेक हिट फिल्में आईं, लेकिन कैटरीना जैसा जलवा नहीं दिखा पाई।

प्रियंका की पत्रिका में जन्म के समय कला का कारक ग्रह शुक्र भाग्य भाव नवम में मिथुन राशि का होकर स्वराशिस्थ बुध के साथ उच्च के राहु का संयोग भी बना रहा है।

पंचम (मनोरंजन भाव) का भावाधिपति शनि, सुख भाव का भी स्वामी है वह द्वादश भाव में मारकेश (मंगल) होकर बैठा है और इसी कारण उच्चतम सफलता नहीं मिल पाई। फिर भी प्रियंका का कला जगत से संबंध बरकरार है और रहेगा।

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वर्तमान में जन्मदिन के समय कला का कारक शुक्र स्वराशि वृषभ का होकर केतु व गुरु के साथ है। ध्यान रहें कि केतु जिस ग्रह के साथ रहता है उसको दोगुना बल प्रदान करता है। रही बात सफलता के बारे में तो अभी शनि-मंगल की युति कन्या राशि पर चल रही है व जन्म के समय भी प्रियंका की पत्रिका में शनि-मंगल साथ-साथ होकर कन्या राशि पर ही विराजमान है। अतः इस समय सितारे सावधानी रखने का ईशारा करते हैं।

अक्सर देखने में आया है कि शनि-मंगल का योग विस्फोटक योग कहलाता है। यह जिसके भी जन्म के समय आता है, स्थान भेद से अवश्य ही हानिकारक सिद्ध होता है। यह योग हमेशा ही अशुभ होता है। अगर समय रहते इसका निवारण कर लिया जाए तो केतु के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

प्रियंका को चाहिए कि रवि-पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी-तांबा के तीन तार की गूंथी हुई अनामिका के नाप की अंगूठी सुबह 9 से 11 के मध्य बनवा कर पहनें, लाभ अवश्य होगा।

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