सर्वोत्तम व्यायाम है साइकिल चलाना

-डॉ. विनोद गुप्ता
NDND
कुछ व्यायाम अपने आप में एक सम्पूर्ण व्यायाम होते हैं, जैसे साइकिल चलाना, तैरना, रस्सी कूदना तथा दौड़ लगाना आदि। यदि आप कार-बंगले वाले हैं तो अपने स्टेटस को साइकिल से जोड़कर कम समझने की भूल न करें। कार से उतरें तथा प्रतिदिन कम से कम 5-6 किलोमीटर तक साइकिलिंग करें, देखें फिर आप अपनी फिटनेस।

नियमित साइकिल चलाने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। यह न केवल सर्वोत्तम व्यायाम है, अपितु खर्च भी बचाता है। बहुत से लोग चाहकर भी साइकिल नहीं चला पाते। लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे आदि बातों की कल्पना करते हैं। वे साइकिल चलाने का इरादा छोड़ देते हैं।

साइकिल चलाने को एक व्यायाम के रूप में अपनाइए तो इसके ढेर सारे लाभ होते हैं। यदि समतल सड़क या मैदान पर साइकिल चलाई जाए तो इसमें थकान कम और व्यायाम अधिक होता है।

जिनके घुटने के जोड़ दुःखते हैं या शरीर में जकड़न महसूस होती है, वे अनिवार्य रूप से एक घंटे साइकिल चलाएँ। जरूरी नहीं है कि सड़कों या मैदानों में जाकर ही यह कार्य करें।

चाहें तो घर के किसी कमरे में साइकिल को स्टैंड पर खड़ी करके सीट पर बैठ जाएँ तथा पैडल मारें, इससे घुटनों का अच्छा व्यायाम हो जाता है तथा जोड़ खुलने लगते हैं। पैरों की पिंडलियों की मांसपेशियाँ भी मजबूत बनती हैं।

साइकिल चलाना सबसे सरल व्यायाम है, इसे स्त्री-पुरुष और बच्चे सभी अपना सकते हैं। हाँ, अपनी ऊँचाई के हिसाब से साइकिल लेनी चाहिए अन्यथा फायदे कम, नुकसान ही ज्यादा होंगे।
NDND
साइकिल चलाने का सर्वोत्तम समय सुबह होता है। इस समय ज्यादा ट्रॉफिक नहीं रहता अतः प्रदूषण बहुत कम होता है और वायु भी शुद्ध मिलती है। याद रहे, शुरुआत में साइकिल कम दूरी तक ही चलाएँ तथा उसकी गति मध्यम हो, जगह चढ़ाई वाली न हो।

जो लोग अपने मोटापे से दुःखी हैं, उन्हें नियमित रूप से साइकिल चलाना चाहिए, इससे मोटापा घटता है। साइकिल चलाने से जाँघें भी मजबूत होती हैं तथा शरीर में रक्त संचालन भी सही ढंग से होता है, जिससे फेफड़े भी मजबूत बनते हैं।