रेकी पद्धति से दमा का इलाज

रेकी उपचार पद्धति भी दमा रोग में सहायक सिद्ध हुई है। रेकी एक ऊर्जा चिकित्सा पद्धति है। यह रोगी में सकारात्मकता, आत्मविश्वास एवं रोग से लड़ने में सहायक आत्मबल का विकास करती है। व्यक्ति में मानसिक एवं भावनात्मक स्तर को संतुलित करती है। रेकी से पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए प्रथम एक सप्ताह रोगी को पूर्ण शरीर (रेकी देने के 24 पाइंट) पर 3-3 मिनट रेकी देना चाहिए।

गंभीर अवस्था में यह अवधि बढ़ाई जा सकती है। बाद में विशुद्धि चक्र, जो कि गले में स्थित है, अनाहात चक्र, जो कि हृदय क्षेत्र के पास है, दोनों फेफड़ों पर आगे एवं पीछे, मणिपुर चक्र, जो कि फेफड़ों के नीचे बीच में स्थित है पर 5-5-5 मिनट रेकी देना चाहिए। रेकी किसी कुशल रेकी हीलर या स्वयं रेकी की प्रथम डिग्री प्राप्त कर लें सकते हैं। खुद सीखकर अगर उपचार करते हैं तो समय एवं पैसों की बचत के साथ-साथ पूर्ण स्वास्थ्य शीघ्र एवं निश्चित प्राप्त किया जा सकता है। एबसेंट हीलिंग या डिस्टेन्स हीलिंग भी बहुत प्रभावशाली है।

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