मेरे दिल में...

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प्रेमसुख (अपनी पत्नी चमेली से) - जब से तुमने मेरे दिल में अपना घर बना लिया है, तब से मैं किसी काम का ही नहीं रहा।

चमेली ने अपनी किस्मत पर रोते हुए कहा - तो क्या हुआ, अच्छा ही है...! वैसे भी तुम पहले भी किसी काम के नहीं थे और आज भी नहीं हो।

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