शर्म तो...

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थानेदार प्रेमसुख लाल (चोर घोंचू से) - क्यों रे...! कल थाने में तूने मेरी ही जेब से पर्स मार दिया। तुझे थोड़ी भी शर्म नहीं आई?
घोंचू लाल - थानेदार साब! शर्म तो आपको आनी चाहिए...., क्योंकि आपके पर्स में एक रुपया भी नहीं निकला।

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