हादसा...

ND

शाम के झुटपुटे में पेड़ों के बीच मेरी कार खड़ी थी, कार में मैं और मेरी गर्लफ्रेंड थी। मैंने उसकी आँखों में आँखें डालकर एक खामोश सवाल किया, उसने खामोश जवाब दिया जिसके नतीजे के तौर पर मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया। फिर मैंने उसके कान में फुसफुसा कर खास सवाल किया जिसका मेरा पसंदीदा जवाब मुझे फौरन मिला।

नतीजतन अब वो मेरी पत्‍नी है।

इस वाकये से जो सबक मुझे मिला, वो ये है कि हादसा तब भी हो सकता है जबकि कार खड़ी हो।

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