दरवाजा हमारे घर का वो प्रवेश द्वार होता है, जिससे गुजरकर हम अपने घर के भीतर प्रवेश करते हैं। घर में दरवाजे का होना घर की सुरक्षा व सुंदरता दोनों ही दृष्टि से आवश्यक होता है।
आपके घर का दरवाजा कैसा हो और कहाँ पर हो, इस संबंध में वास्तु में कुछ सिद्धांत दिए गए हैं, आइए जानते हैं वास्तु के इन्हीं सिद्धांतों के बारे में -
* घर में प्रवेश का केवल एक मुख्य द्वार होना चाहिए।
* विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
* मुख्य दीवार, जिसमें आपको दरवाजा लगाना है। उसे नौ बराबर भागों में बाँटिए। दाएँ से पाँच भाग छोड़कर तथा बाएँ से तीन भाग छोड़कर बीच में बचे खाली भाग में दरवाजा लगाएँ।
* मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की प्रतिमा या धर्म संबंधी शुभ संकेत लगाना वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है।
* घर के सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊँचाई पर होने चाहिए।
* दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
* किसी मंदिर में चारों दिशाओं में आप दरवाजे लगा सकते हैं।
* घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
* सीढ़ियों के दरवाजे का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।