वादियों की सौगात : लेंसडाउन

-नीलम कोठारी

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राजधानी में गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। स्कूल, कॉलेजों की छुट्टि‍याँ चल ही रही हैं। ऐसे में लोग इस गर्मी से राहत पाने के लिए यहाँ से दूर जाना चाहते हैं और इसके लिए आपके पास सबसे अच्छा विकल्प उत्तराखंड का लेंसडाउन हिल स्टेशन है।

हरे-भरे छोटे बड़े देवदार के पेड़ों के बीच छोटे-छोटे पहाड़, घुमावदार रास्ते जहाँ तक नजर जाए बस हरियाली ही हरियाली। जी हाँ कुछ ऐसा ही दृश्य है उत्तराखंड मे लेंसडाउन का। उत्तराखंड के मशहूर पर्यटक स्थल लेंसडाउन को भारत निर्माता कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत का जन्म हुआ था।

राजधानी से लेंसडाउन तक की दूरी 228 किलोमीटर है। गर्मियो मे यहाँ सैलानियों की खूब भीड़ लगी रहती है क्योंकि एक और जहां दिल्ली जैसे शहरो में झुलसा देने वाली गर्मी है तो वही यहां पर 12 महीनो जलवायु खुशनुमा रहती है। लेंसडाउन की सबसे बडी खासियत यह है कि यह हमेशा से ब्रिटिश सरकार का मनपसंद शहर रहा है और इसलिए यहाँ पर उनकी कई निशानियाँ देखने को मिलती हैं।

साथ में यहाँ पर आप गढ़वाल सभ्यता और संस्कृति को भी नजदीक से जान सकते हैं। कई लोग यहां शांति व एकांत की तलाश में भी यहाँ आते हैं। यदि आप लेंसडाउन की ऊँची चोटियों का आंनद लेना चाहते हैं तो यहाँ पर ऐसे कई होटल और रिजॉर्ट हैं जहाँ पर ठहरकर आप पहाड़ो की सुंदरता का मजा ले सकते हैं और रात में खुले आसमान के नीचे चलकर मौसम का मजा ले सकते हैं। यहाँ से 33 किमी आगे एक महाप्रसिद्ध मंदिर भी है। जहाँ आप सिद्ध बाबा के दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद 40 किमी और आगे चलकर आप एक और हिल स्टेशन का मजा भी ले सकते हैं।

इसके लिए आपको ज्यादा खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। इस हिल स्टेशन पर हमेशा ही कोहरा और बरसात का मौसम बना रहता हैं यहाँ ठहरने की भी आपको कोई समस्या नहीं है क्योंकि लेंसडाउन में किसी के भी बजट के अच्छे होटल आपको आसनी से मिल जाएँगे।

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