मुंबई अटैक मामले में पाकिस्तान को भारत के कई सबूत सौंपे जाने और पाक के इससे लगातार इनकार करने के बाद अब अमेरिकी जाँच एजेंसी (एफबीआई) के भी उसे पुख्ता सबूत सौंपने की खबर है।
ब्रिटिश अखबार संडे टाइम्स ने खबर दी है कि अमेरिकी जाँच एजेंसी एफबीआई ने मुंबई हमले की जाँच में इकट्ठा सबूत पाकिस्तान को सौंप दिए हैं और इनसे यह बात साबित हो जाती है कि हमलों की साजिश पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों ने ही रची थी।
उधर पाकिस्तानी अखबार 'द नेशन' ने रविवार को कहा कि भारत अगर मुंबई अटैक से जुड़े संदिग्धों के बारे में ठोस सबूत मुहैया कराता है तो पाकिस्तान उनसे पूछताछ की मंजूरी दे सकता है, हालाँकि ये संदिग्ध भारत को नहीं सौंपे जाएँगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हमलावरों को भारत को सौंपने की माँग एक बार फिर खारिज कर दी है।
अमेरिकी सहायक विदेशमंत्री रिचर्ड बाउचर सोमवार को पाकिस्तान आ रहे हैं। ब्रिटिश अखबार संडे टाइम्स के मुताबिक, एफबीआई ने पाक को कई ठोस सबूत दिए हैं। उनमें लश्कर कमांडरों की ओर से टीवी देखकर मुंबई के हमलावरों को यह चेतावनी देना भी शामिल है कि भारतीय कमांडो पहुँच गए हैं। मुंबई के दो फाइवस्टार होटलों और नरीमन पॉइंट में मौजूद बंदूकधारियों ने स्काईपी के जरिये पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडरों से बात की थी।
एफबीआई ने इन कॉल्स को डीकोड किया है। पाकिस्तान में मौजूद कमांडरों की पहचान जरार शाह, अबू हमजा और अबू काफा के रूप में की गई। ये कमांडर पंजाबी में हमलावरों को बार-बार निर्देश दे रहे थे। ये निर्देश थे- आग लगाओ, सभी यहूदियों को मार दो और मुसलमानों को छोड़ दो।
पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और कम्युनिकेशन एक्सपर्ट जरार शाह समेत कई आतंकवादियों को हिरासत में लिया है। अधिकारी के नाम का खुलासा किए बिना द नेशन अखबार कहता है कि भारत को ब्लेम गेम में शामिल होने के बजाय लखवी, शाह या अन्य किसी आतंकवादी के शामिल होने के संबंध में पुख्ता सबूत देने चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो भारतीय जाँचकर्ताओं को पाकिस्तानी सरजमीं पर मौजूद वॉन्टेड लोगों से पूछताछ की अनुमति दी जा सकती है।