अब तो चेन्नई भी नहीं हारना चाहेगा

शुक्रवार, 15 मई 2009 (15:57 IST)
रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ करीबी शिकस्त झेलने के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स को अब अंतिम चार में पहुँचने के लिए शनिवार को यहाँ मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपना पूरा दमखम लगाना होगा।

लगातार पाँच जीतों के बाद चैलेंजर्स के खिलाफ हार से धोनी को भी यह आभास हो गया होगा कि ट्वेंटी-20 में कुछ भी हो सकता है और इसके मद्देनजर वे इंडियंस के खिलाफ मैच में किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहेंगे।

हालाँकि सुपरकिंग्स 11 मैचों में 13 अंकों के साथ अब भी दिल्ली डेयरडेविल्स के बाद दूसरे स्थान पर है, लेकिन सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए उसे बाकी बचे तीन मैचों में से दो में जीत दर्ज करना जरूरी है।

धोनी की टीम की परेशानी न तो गेंदबाजी है और न ही बल्लेबाजी, उनकी असली समस्या क्षेत्ररक्षण को लेकर है और धोनी इस पर पहले भी अपनी चिंता जता चुके हैं। हालाँकि टीम कैच टपकाने के बावजूद जीती जरूर है लेकिन धोनी इसकी अहमियत समझते हैं, इसलिए क्षेत्ररक्षण पर इतना जोर दे रहे हैं।

बल्लेबाजी में ऑरेंज कैपधारी मैथ्यू हेडन का कोई सानी नहीं है। सुरेश रैना, एस. बद्रीनाथ और खुद कप्तान धोनी बखूबी उनका साथ दे रहे हैं। बस समस्या हेडन के जोड़ीदार को लेकर है। पार्थिव पटेल और एम. विजय हेडन का सही तरीके से साथ निभाने में असफल रहे हैं।

गेंदबाजी में टीम की समस्या यह है कि धोनी छह गेंदबाजों के साथ खेल रहे हैं और किस गेंदबाज का कब उपयोग किया जाए, इसके साथ कप्तान तालमेल नहीं बैठा पा रहें हैं। इसके कारण ही टीम को चैलेंजर्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।

दूसरी ओर सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी टूर्नामेंट की सबसे फिसड्डी टीम नाइट राइडर्स के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। ब्रैंडन मैक्कुलम की अगुवाई में ब्रेड हॉज, डेविस हसी, सौरव गांगुली, ईशांत शर्मा और अजित आगरकर जैसे दिग्गजों से सजी यह टीम हर मोर्चे पर नाकाम रही है। टीम को 11 मैचों में से नौ में हार का सामना करना पड़ा है और वह तीन अंकों के साथ अंक तालिका में सबसे नीचे मौजूद है।

बात चाहे बल्लेबाजी की हो या गेंदबाजी की, टीम के लिए कुछ भी अच्छा नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर बल्लेबाज हसी के आने के बावजूद टीम का भाग्य नहीं बदला। ऑस्ट्रेलिया को दो बार विश्व चैंपियन बनाने वाले जॉन बुकानन की हर तरकीब नाकाम रही है। ऐसे में टीम के लिए बाकी बचे सभी मैच महज औपचारिकता रह गए हैं।

आईपीएल के पहले संस्करण के उद्‍घाटन मैच में नाबाद 158 रन की पारी खेलने वाले मैक्कुलम ने रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ नाबाद 84 रन बनाकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए थे, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है और आने वाले मैचों में उनका दमदार प्रदर्शन सिर्फ टीम का सम्मान ही बचा सकता है।

कुल मिलाकर आईपीएल के पहले संस्करण की सबसे फिसड्डी टीम चार्जर्स और आईपीएल-टू में यह दर्जा हासिल कर चुकी नाइट राइडर्स के बीच रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है।

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