अगले साल से शेल गैस क्षेत्रों का भी आवंटन

शनिवार, 28 अगस्त 2010 (16:34 IST)
तेल एवं गैस क्षेत्र के निवेशकों को अब जल्द ही भूगर्भीय चट्टानों से शेल गैस निकासी के लिये क्षेत्रों का आवंटन किया जाएगा। हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय का कहना है कि देश में शेल गैस क्षेत्र अगले साल से उपलब्ध होने लगेंगे।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इन दिनों शेल गैस क्षेत्रों के आवंटन को लेकर अनुकूल नीतियों पर काम कर रहा है। हाइड्रोकार्बन महानिदेशक सुनील कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल से शेल गैस उत्खनन के लिए क्षेत्रों का आवंटन किया जाएगा। फिलहाल हम इस तरह के आवंटन के लिए अनुकूल नीतियों पर विचार कर रहे हैं। शेल गैस क्षेत्रों की संचालन नीतयाँ सभी के लिए फायदेमंद होंगी।

श्रीवास्तव ने कहा देश में केम्बे बेसिन, कृष्णा गोदावरी बेसिन और असम अराकान बेसिन शेल गैस खोज के लिहाज से सबसे बेहतर संभावनाओं वाले क्षेत्र माने जा रहे हैं। उन्होंने कहा देश के विभिन्न भागों में शेल गैस उपलब्धता की अलग-अलग संभावनाओं को देखते हुए इसमें तेजी तभी आएगी जब शुरुआती खोज कार्यों में अच्छी सफलता हाथ लग जाए।

उन्होंने कहा सरकार ने अमेरिका शेल गैस के साथ इस बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। सहमति पत्र के अनुसार अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण भारत में कुछ शेल बेसिनों का परीक्षण और आकलन करेगा।

श्रीवास्तव ने कहा कि शेल गैस के अलावा सरकार का इरादा वर्ष 2012 तक तेल एवं गैस क्षेत्रों के लिए खुली बोली प्रक्रिया शुरू करने का भी है। उन्होंने कहा कि खुली बोली प्रक्रिया शुरू होने के बाद तेल एवं गैस की खोज करने और उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए भारत सबसे अनुकूल स्थान बन जाएगा। खुली बोली प्रक्रिया के तहत कंपनियों को नई तेल उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत अगले दौर की घोषणा की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। कंपनियां अपनी पसंद के क्षेत्र के लिये स्वयं आगे आकर सरकार के समक्ष पेशकश कर सकेंगी।

नेल्प के तहत नौवें दौर की शुरुआत के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि नेल्प नौ औपचारिक तौर पर सितंबर में शुरू किया जाएगा और उसके बाद इसके लिए प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

रिलायंस के केजी बेसिन से गैस उत्पादन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा यह उम्मीद के अनुरूप चल रहा है। (भाषा)

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