क्रेडिट कार्ड और ई-भुगतान का चलन बढ़ने के बावजूद आज भी देश में ज्यादातर लेन-देन मुद्रा यानी रुपयों में ही होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थानीय निदेशक सुरेखा मरांडी ने यह बात कही।
असम के मुख्य सचिव एनके दास द्वारा बैंक नोट प्रदर्शनी का उद्घाटन किए जाने के बाद मरांडी ने कहा कि विकसित देशों में भी ऐसा ही चलन है। मरांडी ने कहा कि जाली नोटों के खिलाफ अपने अभियान के तहत आरबीआई नोटों के डिजाइन में सुधार करता रहता है।
उन्होंने कहा कि नोटों के डिजाइन, रंग, आकार और ग्राफिक्स के अलावा इसमें सुरक्षा संबंधी विशेषताएँ भी जोड़ी जाती हैं।
मरांडी ने बताया कि पिछले शुक्रवार की स्थिति के अनुसार, देश में कुल 8,42,472 करोड़ रुपए मूल्य के नोट चलन में थे।
यह समारोह रिजर्व बैंक की प्लेटिनम जुबली समारोह का हिस्सा था। प्रदर्शनी में भारतीय मुद्रा की स्वतंत्रता से पूर्व की अवधि से लेकर 2005 तक के बदलावों को प्रदर्शित किया गया है। (भाषा)