रिलायंस-बीपी सौदे को मंत्रिमंडल की हरी झंडी

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011 (20:02 IST)
सरकार ने शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की देशभर में फैली 21 तेल एवं गैस उत्खनन परियोजनाओं में ब्रिटेन की बीपी पीएलसी द्वारा 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के 7.2 अरब डॉलर के सौदे को मंजूरी दे दी। इस सौदे में रिलायंस का बहुचर्चित केजी-डी6 गैस उत्पादन क्षेत्र भी शामिल है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज शाम यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के 21 ब्लॉक में बीपी द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी गई। सीसीईए की कल बैठक नहीं हो सकी।

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फरवरी में अपनी 29 में से 23 तेल एवं गैस उत्खनन क्षेत्रों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को 7.2 अरब डॉलर में बेचने का सौदा किया था।

बहरहाल, सीसीईए ने 21 तेल उत्खनन ब्लॉक में ही 30 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी दी है, शेष दो ब्लॉक में उत्खनन के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण उनमें बिक्री को मंजूरी नहीं दी गई। सरकार ने कहा है कि उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) के प्रावधान के तहत बीपी पीएलसी को बैंक गारंटी और कार्य प्रदर्शन गारंटी देनी होगी।

माना जा रहा है कि इस सौदे से रिलायंस को बीपी पीएलसी के गहरे पानी में काम करने का अनुभव प्राप्त होगा। यह सौदा भविष्य में तेल एवं गैस क्षेत्रों के कामकाज के आधार पर होने वाले भुगतान और निवेश से 20 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे रिलायंस के केजी-डी6 क्षेत्र में गैस उत्पादन बढ़ने की उम्मीद भी है।

ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को इस सौदे से 5 से 8 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ रहे भारतीय बाजार में प्रवेश का मौका मिलेगा। मैक्सिको खाड़ी में पिछले साल तेल रिसाव से कंपनी को काफी नुकसान हुआ था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिलायंस ने 25 फरवरी को हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार के पास आवेदन किया था। नई तेल उत्खनन लाइसेंसिंग पॉलिसी (नेल्प) के तहत रिलायंस ने ये तेल एवं गैस ब्लॉक हासिल किए थे। पॉलिसी के तहत भागीदारी के हिस्से की बिक्री की अनुमति है। तेल मंत्रालय सौदे को मंजूरी देने में सक्षम था, लेकिन उसने इसे सीसीईए के सुपुर्द कर दिया।

सौदे को मंजूरी मिलने के बाद रिलायंस गहरे पानी में उत्खनन से जुड़े बीपी के तकनीकी अनुभव का लाभ उठा सकेगा। रिलायंस के केजी बेसिन डी6 ब्लॉक में धीरुभाई एक और धीरुभाई तीन से गैस का उत्पादन प्रतिदिन पांच करोड़ घनमीटर से घटकर तीन करोड़ 90 लाख घनमीटर रह गया। कुएं में पानी की मात्रा बढ़ने से रिलायंस को एमए क्षेत्र से तेल उत्पादन 15000 बैरल प्रतिदिन तक सीमित करना पड़ा।

केजी डी6 के नजदीक एमए क्षेत्र से 80 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस उत्पादन सहित रिलायंस के डी6 ब्लॉक से 10 जुलाई को समाप्त सप्ताह में प्रतिदिन चार करोड़ 68 लाख घनमीटर गैस उत्पादन हो रहा था जबकि पिछले साल मार्च में क्षेत्र से कुल मिलाकर प्रतिदिन छह करोड़ 15 लाख टन तक गैस उत्पादन हो रहा था। अनुमान के अनुसार इस समय क्षेत्र से प्रतिदिन 6 करोड़ 90 लाख टन गैस का उत्पादन होना चाहिए था।

रिलायंस-बीपी के इस सौदे के तहत देश में 7.2 अरब डॉलर का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आने की उम्मीद है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका की पोस्को के 12 अरब डॉलर निवेश से इस्पात कारखाना लगाने घोषणा की गई थी, लेकिन परियोजना पर काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। (भाषा)

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