रायपुर। पुणे वारियर्स पर मनोबल बढ़ाने वाली जीत दर्ज करने के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम बुधवार को यहां इंडियन प्रीयिमर लीग मैच में गत चैम्पियन कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ होने वाले मुकाबले में अपने स्थान में सुधार का लक्ष्य बनाए होगी।
डेयरडेविल्स और वारियर्स के बीच पिछले मैच की तरह यह मुकाबला भी दोनों टीमों विशेषकर केकेआर के लिए खुद को टूर्नामेंट में बनाए रखने का द्वंद्व होगा।
दिल्ली ने नौ में से सात मैच गंवा दिए हैं जबकि केकेआर को नौ में से छह में हार का मुंह देखना पड़ा है।
केकेआर की टीम अपने निराशाजनक अभियान को पटरी पर लाने के लिये बेताब होगी जबकि दिल्ली की टीम बिना किसी तनाव के खेल सकती है क्योंकि उसने इतना कुछ गंवा दिया है कि उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा है।
जब डेविड वार्नर ने कहा कि ‘हर मैच अब सेमीफाइनल की तरह होगा’ तो वह इस बात से वाकिफ थे कि नाकआउट चरण में प्रवेश के लिए दावेदारी बनाने के लिए सात में से सात मैच जीतना काफी मुश्किल होगा।
हालांकि दिल्ली के लिए सकारात्मक चीज होगी कि उसने पुणे वारियर्स के खिलाफ किस तरीके से शानदार जीत दर्ज की।
दोनों टीमों को सबसे ज्यादा परेशानी भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन से हो रही है और इस लुभावनी लीग में टीम के खराब प्रदर्शन में निश्चित रूप से इन्होंने अहम भूमिका अदा की है।
हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि दिल्ली के पास मैच जीतने के लिए स्तरीय घरेलू प्रतिभा नहीं है और अभी तक मिली जीत में उनके विदेशी खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया है।
वहीं केकेआर को भी यूसुफ पठान, मनोज तिवारी जैसे खिलाड़ियों ने निराश किया है जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर हैं।
दिल्ली के लिए मनप्रीत जुनेजा और उन्मुक्त चंद स्वर्णिम मौकों का फायदा उठाने में असफल रहे हैं। और जहां तक केकेआर की बात है कि उसके लिए यूसुफ अब तक टूर्नामेंट में सबसे बड़ी निराशा रहे हैं।
यूसुफ को दस लाख डॉलर से ज्यादा की राशि से खरीदा गया था लेकिन वह अभी तक शाहरूख खान की फ्रेंचाइजी के साथ तीन सत्र में एक भी शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
उन्हें लगातार मैच मिल रहे है जो साफ संकेत है कि केकेआर की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ कितनी खराब है। उन्होंने अभी तक नौ मैचों में 18 के औसत से केवल 108 रन बनाये हैं।
कप्तान गौतम गंभीर और इयोन मोर्गन पर इससे काफी दबाव है जो क्रमश: 308 और 268 रन बनाकर टीम के सर्वश्रेष्ठ दो खिलाड़ी हैं। गंभीर हालांकि पिछले दो मैचों में असफल रहे हैं और उम्मीद है कि वे कल के मुकाबले में इसकी भरपाई करेंगे।
शाहिद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की पिच पर काफी उछाल हो रहा है तो केकेआर के लिए सचित्रा सेनानायके को टीम से बाहर रखने का विचार बुरा नहीं होगा, जिसकी जगह वे ब्रेट ली को खिला सकते है, जिन्होंने टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में अपनी तेजी से दिल्ली के बल्लेबाजों को परेशान किया था।
यह मैच दोनों टीमों के लिए रोमाचंक होगा। लेकिन दिल्ली की टीम पहले चरण में केकेआर से मिली हार का बदला चुकता करने की कोशिश करेगी। (भाषा)