चीयरगर्ल्स का फीका जलवा

सोमवार, 8 जून 2009 (17:43 IST)
इंग्लैंड में दूसरे ट्‍वेंटी-20 क्रिकेट विश्वकप की शुरुआत हो चुकी है और जाहिर है कि इसकी तुलना हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में समाप्त हुए दूसरे आईपीएल ट्‍वेंटी-20 टूर्नामेंट से की जाएगी।

आईपीएल की तुलना में सबसे पहला मुद्दा चीयरगर्ल्स का उठता है। आईपीएल की चीयरगर्ल्स को देखकर लगता था कि चीयरगर्ल्स का वास्तव में जलवा दिखाई दे रहा है लेकिन विश्वकप की चीयरगर्ल्स को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानो अंटार्कटिका से आई हुई चीयरगर्ल्स को देख रहे हों।

ऐसा नहीं है कि सर्दी इंग्लैंड में ही पडरही है1 दक्षिण अफ्रीका में भी कई जगह मौसम काफी ठंडा था, लेकिन दोनों देशों में मैचों के दौरान जलवा दिखाने वाली चीयरगर्ल्स में फर्क साफ देखा जा रहा है।

इंग्लैंड में चीयरगर्ल्स सिर तक ढँके हुए गर्म कपड़ों में दिखाई दे रही हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका में ऐसी स्थिति नहीं थी। वहाँ खिलाड़ी बेशक गर्म कपड़ों में नजर आते थे लेकिन चीयरगर्ल्स के लिए ऐसा कुछ नहीं था। वे बाकायदा तंग कपड़ों में ही नजर आती थीं।

आईपीएल का टॉप गेंदबाज बाहर बैठा : इसे आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा कि आईपीएल टूर्नामेंट में जिस तेज गेंदबाज ने सर्वाधिक 23 विकेट लेकर तहलका मचाया था और अपनी टीम डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद को खिताबी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी वही गेंदबाज भारत के पहले मुकाबले में बाहर बैठा है।

यहाँ बात बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज रुद्रप्रताप सिंह की हो रही है जिन्हें नॉटिघम में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में बाहर बैठना पड़ा था। दरअसल बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान अपनी चोट से उबरकर इस मैच के लिए फिट हो चुके थे और कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी के पास जहीर या आरपी में से एक को ही चुनने का विकल्प था।

विश्वकप से पहले के दो अभ्यास मैचों में ईशांत शर्मा को उनके शानदार प्रदर्शन करने के कारण टीम में रखा ही जाना था जबकि ऑलराउंडर इरफान पठान को उनकी हरफनमौला क्षमता के कारण टीम में जगह मिली। अंततः तीसरे तेज गेंदबाज के लिए चुनाव जहीर और आरपी के बीच होना था और धोनी ने अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज जहीर के नाम पर ही मोहर लगाई। जहीर के अंतिम एकादश में शामिल होने का सीधा मतलब यह हुआ कि आईपीएल के पर्पल कैप विजेता आरपी सिंह को भारत के शुरुआती मुकाबले से बाहर बैठना पड़ा।

युवी के छक्कों ने पिछले विश्वकप की याद दिलाई : मध्यक्रम के धुरंधर बल्लेबाज युवराजसिंह के बांग्लादेश के खिलाफ जमाए चार छक्कों ने पिछले विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ उनके धुरंधर प्रदर्शन की याद दिला दी।

युवराज ने ये चार छक्के उस समय मारे जब भारत की रनगति बहुत धीमी हो चुकी थी। उनके बांग्लादेश के गेंदबाज के एक ओवर में मारे गए तीन छक्कों को देखकर बरबस ही इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में पिछले विश्वकप में मारे गए छह छक्कों की याद ताजा हो गई।

युवराज के ट्‍वेंटी-20 में तीन सौ रन पूरे : युवराज ने 20-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 300 रन पूरे कर लिए हैं और यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे गौतम गंभीर के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। युवराज ने बांग्लादेश के खिलाफ अपनी 41 रनों की पारी के दौरान यह आँकड़ा पार कर लिया। उनके अब 11 अंतरराष्ट्रीय मैचों से 303 रन हो गए हैं।

युवराज ने अपनी पारी में चार छक्के मारने के साथ ट्‍वेंटी-20 में सर्वाधिक छक्के मारने के न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैक्कुलम का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। युवराज के छक्कों की संख्या अब 25 हो गई है और उन्होंने ब्रैंडन के 23 छक्कों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। युवराज के अब विश्वकप में सात मैचों से 16 छक्के हो गए हैं।

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