भारत और इंग्लैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट में भारत ने मैच की चौथी पारी में विशाल लक्ष्य (387) का पीछा करते हुए सचिन तेंडुलकर के 41वें टेस्ट शतक, युवराजसिंह के नाबाद अर्धशतक (85) तथा वीरेंद्र सहवाग (83) और गौतम गंभीर (66) के अर्धशतकों की बदौलत इंग्लैंड को छह विकेट से पराजित कर दिया। सचिन (नाबाद 103) और युवराज (नाबाद 85) भारत को जिताकर ही पैवेलियन लौटे। इस जीत के साथ ही भारत दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 से आगे हो गया है।
दूसरी पारी में 68 गेंदों में ताबड़तोड़ 83 रन बनाने वाले वीरेंद्र सहवाग को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
टेस्ट क्रिकेट के 160 साल के इतिहास में जीत के लिए बनाया गया यह चौथा सबसे बड़ा स्कोर है। अब तक केवल तीन बार ही ऐसा हुआ है, जब किसी टीम ने चौथी पारी में 400 या इससे ज्यादा रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया है। यह कारनामा वेस्टइंडीज के खिलाफ एक बार भारत भी कर चुका है। 387 रनों का लक्ष्य हासिल करके भारत ने इतिहास रच दिया है।
सहवाग और गंभीर की कीमती पारियों के बाद सचिन तेंडुलकर और युवराजसिंह पाँचवें विकेट के लिए 163 रनों की अविजित साझेदारी निभाकर इंग्लैंड की सभी संभावनाओं को खत्म कर दिया। इंग्लैंड के गेंदबाज इन दोनों बल्लेबाजों के सामने पूरी तरह असहाय नजर आए।
सचिन ने अपने टेस्ट करियर का 41वाँ शतक जमाते हुए एक समय मुकाबले में नजर आ रही इंग्लैंड टीम को फिर से बैकफुट पर धकेल दिया। सचिन ने मौके की नजाकत को देखते हुए बल्लेबाजी की। कमजोर गेंदों को सही नसीहत देकर सचिन ने इंग्लैंड की गेंदबाजी की बखिया उधेड़ दी। सचिन ने 196 गेंदों पर नौ चौकों की सहायता से अपना शतक बनाया। सचिन ने आज एक बार फिर दर्शा दिया कि उन्हें क्यों क्रिकेट का बेताज बादशाह कहा जाता है। सचिन ने जरूरत के समय अपनी प्रतिभा को न केवल रनों में बदला बल्कि भारत की जीत भी सुनिश्चित की।
दूसरे छोर पर युवराजसिंह ने भी आक्रामक शैली में बल्लेबाजी की। लक्ष्मण के आउट होने के बाद मैदान में सचिन का साथ देने आए युवराज ने इंग्लैंड की आक्रामक फील्ड से बिना प्रभावित हुए जमकर स्ट्रोक्स खेले। युवराज ने सचिन के साथ पाँचवें विकेट के लिए अविजित शतकीय साझेदारी करके इंग्लैंड को बौना साबित कर दिया। युवराज ने अपने टेस्ट करियर का चौथा अर्धशतक जमाया।
युवराज ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए अपने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया, जो यह कहते हैं कि युवराज टेस्ट खिलाड़ी नहीं हैं और स्पिन को नहीं खेल सकते। युवी ने आज स्वान, पनेसर को विश्वास के साथ खेला और गुंजाइश देखकर उनकी गेंदों को धुना भी। युवराज ने आठ चौकों और एक छक्के की मदद से 85 रनों की नाबाद पारी खेली।
भारत ने दूसरे सत्र में प्रभावी खेल दिखाते हुए इंग्लैंड की संभावनाओं पर पानी फेर दिया। दूसरे सत्र के खेल में भारत ने 26 ओवर में एक विकेट खोकर 91 रन जोड़े।
387 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम वीरेंद्र सहवाग (83) और गौतम गंभीर (66) की पारियों की बदौलत एक मजबूत नींव रख पाई।
सहवाग ने चौथे दिन के खेल के अंतिम सत्र में ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके विरोधी टीम को संकेत दे दिया था कि टीम इंडिया जीत के लिए खेल रही है।
पाँचवें दिन जब खेल शुरू हुआ तो कल के अविजित बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के खराब फॉर्म का सिलसिला जारी रहा। वे केवल चार रन बनाने के बाद एंड्रयू फ्लिंटॉफ की आउट स्विंग का शिकार हुए। द्रविड़ को विकेट के पीछे मैट प्रायर ने लपका।
कल सहवाग ने इंग्लैंड के लिए नई गेंद थामने वाले स्टीव हार्मिसन और जेम्स एंडरसन की लय बिगाड़ दी थी, इसलिए इंग्लिश कप्तान ने उन्हें जल्द ही आक्रमण से हटा लिया था।
आज एंडरसन ने वामहस्त बल्लेबाज गौतम गंभीर के लिए ऑफ स्टम्प के बाहर कोण बनाकर बाहर निकलती हुई गेंदें फेंकने की योजना पर अमल किया। इसका फायदा भी उन्हें मिला, जब गंभीर ने इस तरह का कोण बनाती हुई गेंद पर स्क्वेयर ऑफ द विकेट खेलने की कोशिश की और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेती हुई तीसरी स्लिप (वाइड) में मुस्तैद पॉल कॉलिंगवुड के हाथों में समा गई। इंग्लैंड के सबसे चुस्त माने जाने वाले क्षेत्ररक्षक कॉलिंगवुड ने गंभीर का दर्शनीय कैच लपका।
पाँचवें दिन पहले सत्र के खेल में भारत ने 24 ओवरों में 84 रन बनाए और दो विकेट खोए थे।
गंभीर के जाने के बाद सचिन का साथ देने मैदान पर उतरे वीवीएस लक्ष्मण ने शुरू से ही विश्वास दिखाया। उन्होंने एंडरसन और मोंटी पनेसर की गेंदों पर आकर्षक कट और कवर ड्राइव खेले। दूसरी तरफ सचिन ने भी आकर्षक स्ट्रोक्स से जताया कि भारत यह मैच जीतने के लिए प्रतिबद्ध है।
लय में नजर आ रहे लक्ष्मण को ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने आउट करके पस्त हो रही इंग्लैंड की उम्मीदों में फिर से जान फूँक दी। स्वान ने गेंद को 'रफ एरिया' में पटककर लेग स्टम्प की तरफ टर्न करवाया। लक्ष्मण इसे फाइन खेलना चाहते थे, लेकिन गेंद की उछाल के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए और गेंद उनके बल्ले को छूते हुए शॉर्टलेग पर खड़े इयान बेल के हाथों में समा गई। लक्ष्मण ने 26 रन बनाए और सचिन के साथ चौथे विकेट के लिए 41 रन भी जोड़े।