विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव का मानना है कि यदि महेन्द्र सिंह धोनी की टीम इंडिया को 1983 की जीत का इतिहास 2011 के विश्व कप में दोहराना है तो उसे खेल के हर विभाग में सुधार करना होगा।
कपिल के अनुसार टीम इंडिया को भारतीय उपमहाद्वीप में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में 1983 के लंदन का इतिहास दोहराने के लिए खेल के तीनों विभागों बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों में सुधार करना होगा।
भारत के वडोदरा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में प्रदर्शन के बारे में पूछने पर कपिल ने कहा कि मैं तो चाहूँगा कि दोनों टीमों के बीच इसी तरह का नजदीकी मुकाबला हो, लेकिन एक भारतीय होने के नाते मैं सिर्फ यही चाहूँगा कि भारतीय टीम जीते।
कप्तान धोनी के भारत को एक विशुद्ध ऑलराउंडर की जरूरत के बयान के बारे में पूछे जाने पर कपिल ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि जब धोनी ने ऐसा कहा है तो उनके दिमाग में जरूर यह बात रही होगी और टीम का कप्तान होने के नाते वह ऐसा महसूस कर रहे होंगे।
कपिल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के गेंदबाजी कोच वेंकटेश प्रसाद और क्षेत्ररक्षण कोच रॉबिन सिंह को बर्खास्त करने के फैसले पर गहरी नाराजगी बताते हुए कहा कि वे उस मैच के लिए किसी को 'बलि का बकरा' बनाना चाहते थे जो किसी के भी पक्ष मे जा सकता था।
उन्होंने कहा कि यदि कोच जिम्मेदार हैं तो टीम प्रबंधन और बीसीसीआई भी उतना ही जिम्मेदार है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। मीडिया को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। कपिल ने बीसीसीआई के विदेशी कोच नियुक्त करने और इस पद के लिए सीनियर भारतीय क्रिकेटरों को नजरअंदाज करने भी सवाल उठाया।