नारवाल ने दिलाई दिल्ली को जीत

रविवार, 30 नवंबर 2008 (20:09 IST)
बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह बनी फिरोजशाह कोटला की पिच पर सुमित नारवाल ने आज अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का बेजोड़ नमूना पेश करने के बाद ईशांत शर्मा के साथ मिलकर गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया, जिससे दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी सुपर लीग मैच के दूसरे दिन ही उड़ीसा को 52 रन से शिकस्त देकर सत्र की अपनी पहली जीत दर्ज की।

कोटला की पिच पर हरी घास का असर इस तरह से था कि पहले दिन जहाँ 24 विकेट गिरे वहीं दूसरे दिन लगभग 61 ओवर में 16 बल्लेबाज पैवेलियन लौटे।

इस पिच पर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे आक्रामक बल्लेबाज भी नाकाम रहे, लेकिन उसी पर नारवाल ने अपना जलवा बिखेरा और दिल्ली की दूसरी पारी में 75 गेंद का सामना करके चार चौकों और इतने ही छक्कों की मदद से 66 रन की तूफानी पारी खेली।

सत्र के पहले चार मैच ड्रॉ खेलने वाली दिल्ली ने सात विकेट 49 रन पर गँवा दिए थे और उस पर हार का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन ऐसे में नारवाल उसके लिए तारणहार बने। उनकी पारी से दिल्ली दूसरी पारी में 150 रन बनाने में सफल रहा। इस तरह से उड़ीसा के सामने जीत के लिए149 रन का लक्ष्य था लेकिन नारवाल और इशांत की तीखी गेंदबाजी के सामने उसकी टीम 31.1 ओवर में 98 रन पर ढेर हो गई।

नारवाल ने 25 रन देकर तीन विकेट लिए जबकि ईशांत ने अपनी तेजी और स्विंग से 27 रन के एवज में चार विकेट हासिल किये। इस तरह से उन्होंने मैच में 51 रन देकर 11 विकेट लिए। परविंदर अवॉना ने 14 रन देकर दो विकेट चटकाए।

उड़ीसा इस तरह से दोनों पारियों में सैकड़े तक नहीं पहुँच पाई। उसने पहली पारी में 80 रन बनाकर दो रन की बढ़त ली थी, लेकिन नारवाल की पारी ने उसकी मंशा पर पानी फेर दिया।

दिल्ली ने सुबह अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 38 रन से आगे खेलना शुरू किया। तब सहवाग क्रीज पर थे लेकिन उन्हें भी देवाशीष मोहंती और बसंत मोहंती की गेंदों को खेलने में दिक्कत हो रही थी। सहवाग (32) ने अभी अपने कल के स्कोर में केवल पाँच रन जोड़े थे कि दिन के छठे ओवर में देवाशीष की गेंद उनकी गिल्लियाँ बिखेर गई।

दिल्ली का स्कोर तब 49 रन था। देवाशीष ने इसी ओवर में पंकज बिष्ट को चलता किया जबकि बसंत मोहंती ने अगले ओवर में कल के एक अन्य अविजित बल्लेबाज रजत भाटिया को पगबाधा आउट किया।

नारवाल को प्रदीप सांगवान (15) से अच्छा सहयोग मिला जिनके साथ उन्होंने 34 रन की साझेदारी की। सांगवान के आउट होने के बाद तो सिर्फ नारवाल के बल्ले से रन निकले। ईशांत ने हालाँकि 15 मिनट क्रीज पर बिताकर पाँच रन बनाए, लेकिन नारवाल ने तेजी से रन बनाकर टीम को पिच को देखते हुए अच्छे स्कोर तक पहुँचाया।

नारवाल ने इसके बाद उड़ीसा को तीसरे ओवर में ही झटका दिया, जब उन्होंने विकास पाति को पैवेलियन भेजा। नारवाल ने इसके अलावा लगातार ओवरों में निरंजन बेहड़ा और प्रवंजन मलिक को आउट किया।

दूसरे छोर से ईशांत ने कप्तान शिवसुंदर दास के विकेट से शुरुआत की और धीरजसिंह के रूप में अंतिम विकेट लेकर टीम को जीत दिलाई। उड़ीसा की तरफ से निरंजन पी जयचंद्र और हल्दर दास तीनों ने 19-19 रन बनाए।

वेबदुनिया पर पढ़ें