भारत का समर्पण, ऑस्ट्रेलिया शान से फाइनल में

रविवार, 26 फ़रवरी 2012 (18:01 IST)
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भारतीय बल्लेबाजों ने शर्मनाक प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर समर्पण कर दिया और ऑस्ट्रेलिया ने त्रिकोणीय सिरीज का मुकाबला आज 87 रन के बड़े अंतर से जीतते हुए शान के साथ फाइनल में प्रवेश कर लिया।

ऑस्ट्रेलिया ने ओपनर डेविड वॉर्नर (68), मैथ्यू वेड (56) और डेविड हसी (54) के अर्द्धशतकों से नौ विकेट पर 252 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और फिर भारत को 39.3 ओवर में मात्र 165 रन पर लुढ़काकर एकतरफा जीत हासिल कर ली।

ऑस्ट्रेलिया के इस जीत के बाद सात मैचों से 18 अंक हो गए हैं। श्रीलंका के छह मैचों से 15 हैं और उसे अभी दो मैच खेलने हैं। भारत के सात मैचों से 15 अंक हैं और उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना लगभग समाप्त हो चुकी है। भारत को 28 फरवरी को श्रीलंका से खेलना है, जिसमें उसे बोनस अंक के साथ जीत हासिल करनी होगी।

श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया आखिरी लीग मैच दो मार्च को खेलेंगे। अगर कोई अनहोनी नहीं होती है तो श्रीलंका फाइनल की दूसरी टीम होगी।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया 40 ओवर में पांच विकेट पर 205 रन बनाकर बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन भारतीय गेंदबाजों में अंतिम दस ओवरों में किफायती गेंदबाजी करते हुए मात्र 47 रन दिए और चार विकेट चटकाए। वॉर्नर ने 66 गेंदों में सात चौकों की मदद से 68 रन बनाए।

मेजबान टीम ने अपने तीन विकेट विकेट 57 रन पर गंवा दिए थे लेकिन वॉर्नर ने डेविड हसी के साथ चौथे विकेट के लिए 50 रन की अहम साझेदारी की। डेविड हसी और वेड फिर टीम के स्कोर को 201 रन तक ले गए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने नियमित अंतराल में विकेट गंवाए।

भारत की ओर से पार्टटाइम स्पिनर वीरेन्द्र सहवाग ने नौ ओवर में 43 रन देकर तीन विकेट लिए। मध्यम तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने 37 रन पर दो विकेट और उमेश यादव ने 39 रन पर दो विकेट लिए जबकि रवीन्द्र जडेजा के खाते में एक विकेट आया।

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान शेन वॉटसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मेजबान टीम की शुरआत अच्छी नहीं रही और कप्तान वाटसन मात्र एक रन बनाकर चलते बने। उन्हें प्रवीण ने उमेश यादव के हाथों कैच कराया। प्रवीण ने फिर पीटर फारेस्ट (सात) को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका दे दिया।

माइक हसी दस रन बनाकर रन आउट हुए और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तीन विकेट पर 57 रन हो गया लेकिन एक छोर पर खूंटा गाडकर खेल रहे वॉर्नर ने फिर डेविड हसी के साथ मिलकर टीम को इस संकट से उबार लिया। वॉर्नर ने 48 गेंदों में पांच चौकों की मदद से अपना तीसरा वनडे अर्द्धशतक पूरा किया।

वॉर्नर को जडेजा ने सुरेश रैना के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी को तोड़ा। डेविड हसी और वेड ने फिर पांचवें विकेट के लिए 94 रन की अहम साझेदारी की लेकिन उमेश ने पहले वेड और फिर डेविड हसी को लगातार ओवरों में विकेट के पीछे कैच कराते हुए ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया।

वेड ने 66 गेंदों में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 56 रन बनाए जबकि डेविड हसी ने 64 गेंदों में दो चौकों के साथ 54 रन का योगदान दिया।

ऑस्ट्रेलिया के गिरे अंतिम तीन विकेट सहवाग की झोली में गिरे। उन्होंने क्लाइंट मैके (1) को स्टंप कराया जबकि ब्रेट ली (4) को विराट कोहली के हाथों कैच कराया। डेनियल क्रिस्टियन 24 रन बनाकर सहवाग की गेंद पर जडेजा के हाथों लपके गए।

लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और फ्लाप चल रहे वीरेन्द्र सहवाग एक बार फिर पांच रन बनाकर बेन हिल्फेनहास को रिटर्न कैच थमा बैठे। सचिन तेंडुलकर 14 रन बनाकर विवादास्पद ढंग से रन आउट हुए। गौतम गंभीर और विराट कोहली टीम के स्कोर को 79 रन तक ले गए।

लेकिन यहां से 47 रन के अंतराल में भारत ने कोहली (21), गंभीर (23), सुरेश रैना (8), रवीन्द्र जडेजा (8), और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (14) के विकेट गंवा दिए।

नौवें नंबर के बल्लेबाज इरफान पठान ने 22 रन की अपनी पारी में एक चौका और दो छक्के लगाए। रविचंद्रन अश्विन ने भी 26 रन बनाए जिससे भारत कम से कम 150 रन से कम पर आउट होने की शर्मिंदगी से बच गया।

भारतीय पारी में बल्लेबाजों ने विकेट पर टिकने का कोई जज्बा नहीं दिखाया और न ही कोई अच्छी साझेदारी की। उसके छह विकेट तो 104 रन पर पैवेलियन लौट चुके थे।

ऑस्ट्रेलिया की तरफ से बेन हिल्फेनहास, शेन वॉटसन और जेवियर डोहर्ती ने दो-दो विकेट लिए जबकि ब्रेट ली, क्लाइंट मैकाए और डेनियल क्रिस्टियन को एक-एक विकेट मिला। वॉर्नर को उनकी शानदार पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया। (वार्ता)

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