चेन्नई टेस्ट में तीसरे दिन इंग्लैंड भारत पर हावी हो चुका है। इसका श्रेय इंग्लैंड के गेंदबाजों के साथ एंड्रयू स्ट्रॉस को भी जाता है, जिन्होंने दोनों पारियों में इंग्लैंड के मजबूत बनाया।
भारतीय गेंदबाज शुरू में तीन विकेट लेने के बाद नाकाम रहे। युवराजसिंह ने पीटरसन को आउट करके भारत को मौका दिया था कि वह अन्य इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पहली पारी में 241 रनों पर आउट हो जाने के बाद गेंदबाजों से ज्यादा उम्मीदें थीं, लेकिन स्ट्रॉस और कॉलिंगवुड के सामने वे अपना हुनर नहीं दिखा पाए। एक समय संकट में लग रही इंग्लैंड टीम को दिन का खेल खत्म होने से पहले स्ट्रॉस और कॉलिंगवुड ने बेहद मजबूत कर दिया।
भारत की समस्या यह है कि उसे चौथी पारी में बल्लेबाजी करनी है और जिस तरह से इंग्लैंड की बल्लेबाजी चल रही है, उसे देखकर लगता है कि भारत को एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिलेगा, जिसे पाना मुश्किल होगा।
हरभजनसिंह और अमित मिश्रा उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। भारत चेन्नई टेस्ट में संकट में है और अगर टेस्ट में वापसी करने की कहीं गुंजाइश है तो वह ऐसे बनती है, जबकि भारतीय गेंदबाज कोई चमत्कारी स्पैल डालें, वरना टेस्ट पर इंग्लैंड का शिकंजा बढ़ता ही जाएगा।
भारत को न केवल चौथे दिन गेंदबाजी अच्छी करनी होगी, बल्कि उसके बल्लेबाजों को चौथी पारी में एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को भेदने के लिए भी तैयार रहना होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो यह भारत की मजबूत बल्लेबाजी की कड़ी परीक्षा होगी।