आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप के सुपर-8 के अंतिम मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 12 रन से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। भारतीय बल्लेबाजी का निराशाजनक प्रदर्शन इस मैच में भी जारी रहा और वह जीत के लिए 131 रन के लक्ष्य का पीछा भी नहीं कर सका। मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार डिविलियर्स को मिला।
सेमीफाइनल लाइन-अप : 18 जून को दक्षिण अफ्रीका विरुद्ध पाकिस्तान, 19 जून को वेस्टइंडीज विरुद्ध श्रीलंका
अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया और निर्धारित 20 ओवरों में 5 विकेट खोकर 130 रन बनाए। भारतीय टीम 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 118 रन ही बना सकी। धोनी के धुरंधर गेंदबाजी में तो कमाल दिखाने में सफल रहे, लेकिन बल्लेबाजी में वे बुरी तरह धराशायी हो गए। भारत की तरफ से रोहित शर्मा 29 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे। बोथा ने 3 और स्टेन ने 2 विकेट प्राप्त किए।
भारत को जीत के लिए 131 रनों का लक्ष्य बेहद आसान दिखाई रहा था और शुरुआत भी अच्छी हुई थी लेकिन सलामी जोड़ी टूटते ही दबाव में भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह चरमरा गई।
गौतम गंभीर और रोहित शर्मा पहले विकेट की भागीदारी में 42 रन जोड़े। गंभीर जब 21 रन के निजी स्कोर पर थे, तब बोथा ने उन्हें डुमिनी के हाथों लपकवाकर भारत को पहला झटका दिया।
गंभीर ट्रेसिंग रूम में जाकर अपने पैड्स भी नहीं उतार सके थे कि भारत ने जल्दी-जल्दी 2 विकेट गँवाए। सुरेश रैना (3) को बोथा की गेंद पर मोर्कल ने कैच आउट किया। 56 रन के कुल स्कोर पर भारत का तीसरा विकेट रोहित शर्मा (29) के रूप में पैवेलियन लौटा, जिन्हें डुमिनी ने अपना शिकार बनाया।
कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी (5) दुर्भाग्यपूर्ण रूप से मोर्कल द्वारा रन आउट हो गए जबकि वांडर मर्व ने यूसुफ पठान को खाता खोलने के पूर्व ही डिविलियर्स के हाथों कैच आउट करवा दिया।
हरभजन सिंह और युवराज जब आक्रामक रुख अपनाए हुए थे, तब उम्मीद की किरण एक बार फिर चमकने लगी लेकिन बोथा की फुलटॉस गेंद पर शॉट खेलने गए हरभजनसिंह (14) पाइंट पर डिविलियर्स को आसान कैच थमा बैठे। युवराजसिंह जब 25 गेंदों पर 25 रन बना चुके थे, तभी स्टेन की गेंद पर विकेटकीपर बाउचर ने जोरदार अपील की। तीसरे अंपायर ने युवराज को आउट घोषित कर दिया।
स्टेन की गेंद पर जहीर खान (4) भी छक्का लगाने के प्रयास में डिविलियर्स को ऐसा कैच थमाया मानो वे उन्हें कैच प्रेक्टिस करवा रहे हो। जहीर आठवें विकेट के रूप में जब आउट हुए, तब तक भारत की हार की कहानी पर मुहर लग चुकी थी।
मैदान पर मौजूद रविन्दर जडेजा और आरपी सिंह से किसी चमत्कार की आशा करना बेमानी ही थी। इस तरह भारत का सफर 118 रन पर समाप्त हो गया और 12 रन से जीत दर्ज करते हुए अफ्रीका पूरी शान के साथ सेमीफाइनल में पहुँचा।
इससे पूर्व खिताब की दौड़ से बाहर होने का गहरा सदमा लगने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का स्पिनरों पर भरोसा दिखाना कारगर साबित हुआ, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका को एबी डिविलियर्स की 63 रन के बावजूद 5 विकेट पर 130 रन ही बनाने दिए।
धोनी ने छठवें से 19वें ओवर तक स्पिनरों को लगाए रखा। इन 14 ओवरों में केवल तीन बार गेंद सीमा रेखा पार गई और 75 रन बने जबकि तीन चोटी के बल्लेबाज पैवेलियन लौटे। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में धीमी बल्लेबाजी के कारण खलनायक बने रविंदर जडेजा ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया और अपने तीन ओवर में केवल नौ रन देकर डिविलियर्स का विकेट लिया।
डिविलियर्स अकेले बल्लेबाज थे जिन्होंने स्पिनरों का डटकर सामना किया। उन्होंने अपनी पारी में 51 गेंद खेली तथा सात चौके लगाए। उन्होंने कप्तान ग्रीम स्मिथ (26) के साथ दूसरे विकेट के लिये 46 रन की साझेदारी की।
आरपी सिंह ने अपनी तीसरी गेंद पर ही हर्शल गिब्स (5) को बोल्ड करके भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। गिब्स पहली गेंद पर चौका जड़ने के बाद ऑफ स्टंप से बाहर जाती अगली गेंद को विकेटों पर मार गए लेकिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों स्मिथ और डिविलियर्स को तेज गेंदबाजों को खेलने में दिक्कत नहीं हुई और ऐसे में धोनी ने स्पिन जाल बिछाने का उचित फैसला किया।
स्पिन आक्रमण के सामने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज आठ ओवर तक गेंद सीमा रेखा पार नहीं भेज पाए। जडेजा ने पावर-प्ले के अंतिम ओवर में केवल तीन रन दिए। इंडियन प्रीमियर लीग में हैट्रिक लेने वाले रोहित शर्मा को भी टूर्नामेंट में पहला ओवर करने का मौका मिला जबकि उनके बाद आईपीएल में दो बार हैट्रिक का कारनामा दिखाने वाले युवराजसिंह ने गेंद संभाली लेकिन स्मिथ और डिविलियर्स की साझेदारी हरभजनसिंह ने तोड़ी।
स्मिथ इस ऑफ स्पिनर की फ्लाइट को नहीं समझ पाए और लप्पेदार शॉट खेलने के प्रयास में गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर मिडविकेट क्षेत्र में हवा में तैरने लगी, जहाँ जडेजा ने आसान कैच लिया। हरभजन ने चार ओवर में केवल 20 रन दिए।
डिविलियर्स ने पारी के 14वें ओवर में युवराज पर लगातार दो चौके जड़कर अपना अर्धशतक पूरा करने के साथ ही गेंद को लंबे अर्से बाद सीमा रेखा के दर्शन करवाए। पहले तीन ओवर में 13 रन देने वाले युवराज के इस ओवर में 12 रन बने, जिससे उनका गेंदबाजी विश्लेषण कुछ बिगड़ गया।
धीमी गेदों को खेलने में परेशानी महसूस कर रहे जेपी डुमिनी (10) अगले ओवर में सुरेश रैना पर फ्लाइट पर गच्चा खा गए और धोनी ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया। जडेजा ने इसके बाद डिविलियर्स की पारी का अंत किया जिन्होंने स्लॉग स्वीप खेलने के प्रयास में वापस गेंदबाज को कैच थमाया। जहीर खान ने अंतिम ओवर में मार्क बाउचर (11) के रूप में पहला विकेट लिया। अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 5 विकेट खोने के बाद 130 रन ही बना सकी।