अलग-थलग पड़ने के बावजूद विवादों में घिरे आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने अपने तेवर नहीं छोड़े हैं और उन्होंने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया जबकि खेल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे ‘कुछ लोगों का पर्दाफाश करने की धमकी’ भी दी।
बीसीसीआई के आला अधिकारी जब उन्हें पद से हटाने की रणनीति बनाने के लिए बैठकें कर रहे हैं तब मोदी ने पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है और ट्विटर पर उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।
बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर, उपाध्यक्ष अरुण जेटली, सचिव एन श्रीनिवासन, आईपीएल उपाध्यक्ष निरंजन शाह, वित्त और मीडिया समिति के अध्यक्ष राजीव शुक्ला और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी बैठक में मौजूद थे। मनोहर ने कहा कि फैसला 26 अप्रैल को संचालन परिषद की बैठक में किया जाएगा।
मोदी ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा है कि लोग मुझ पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे हैं। मैं आपसे कह सकता हूँ कि ऐसा नहीं होगा। चलिए उन्हें मुझे हटाने दीजिए। उन्होंने कहा कि हमने पिछले चार साल में जो किया है वह सबके सामने है। कोई इसका श्रेय नहीं छीन सकता।
मोदी ने अपने विरोधियों को धमकी देते हुए कहा कि आईपीएल खत्म हो जाने दीजिए। मैं उन लोगों का पर्दाफाश करूँगा जो खेल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और कैसे हमने उन्हें ऐसा करने से रोका।
आईपीएल और इसकी फ्रेंचाइजियों पर आयकर विभाग के छापे के बाद कथित तौर पर मोदी द्वारा वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। उन्होंने हालाँकि वित्तीय लेन-देन की खबरें बिना पुष्टि के छापने पर मीडिया को भी लताड़ा।
उन्होंने लिखा कि मीडिया बिना पुष्टि किए खबरें चला रही है जिससे पता चलता है कि कैसे मीडिया अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल करती है। इन सभी आधारहीन खबरों से प्रभावित मत होना। सच जल्द ही सामने आएगा। मीडिया के द्वारा ट्रायल और तथ्य रखने का मौका नहीं मिलना जंगल राज की तरह हैं। इंतजार कीजिए और तथ्य सामने आएँगे।
मोदी ने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि वह बिना संघर्ष के हार मानने के मूड में नहीं हैं और उन्होंने बीसीसीआई के आला अधिकारियों के साथ टकराव की भूमिका तैयार कर दी है। इससे पहले बीसीसीआई ने संचालन परिषद को पाँच दिन स्थगित करने की उनकी भावुक अपील ठुकरा दी।
संचालन परिषद की बैठक को अब-जब दो दिन का समय बचा है तब दोनों पक्षों के बीच शब्दिक जंग बदतर होती लग रही है क्योंकि कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
चौदह सदस्यीय संचालन परिषद में जब मोदी के काफी कम समर्थक बचे हैं तब विजय माल्या (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु), शिल्पा शेट्टी (राजस्थान रॉयल्स) और जय मेहता (कोलकाता नाइट राइडर्स) के रूप में कुछ फ्रेंचाइजी मालिक उनके समर्थन में आगे आए हैं।
इससे पहले बीसीसीआई के आला अधिकारियों ने कई बैठक की जिस दौरान अटकलें लगी कि मोदी को स्वेच्छा से पद छोड़ने के लिए मानाया जा सकता है। लेकिन दिन ढलते-ढलते यह साफ हो गया इन प्रयासों का कोई फल नहीं मिलने वाला क्योंकि मोदी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं।
इससे पहले सुबह माल्या ने केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। हालाँकि यह पता नहीं चला कि दोनों के बीच क्या चर्चा हुई लेकिन माल्या ने मोदी का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मोदी को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। सारा विवाद गैरजरूरी तूफान बन गया है। हाँ, कोई सकता है कि जिस तरह आईपीएल को चलाया जा रहा है उसे लेकर कुछ सवाल हैं। साफ है कि संचालन परिषद के कुछ सदस्य शायद खुश नहीं हों। चलिए इसकी उचित जाँच होने दें।
इस तरह की अपुष्ट रिपोर्ट हैं कि पवार चाहते हैं कि बीसीसीआई मोदी को सम्मानित विदाई दें लेकिन बीसीसीआई के किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
मुंबई में कल रात पुरस्कार समारोह का बीसीसीआई के आला अधिकारियों और संचालन परिषद के अधिकांश सदस्यों ने बहिष्कार किया, जिससे बीसीसीआई में मोदी विरोधी रुख साफ हो गया। बीसीसीआई अधिकारी कल आईपीएल फाइनल का बहिष्कार करने की भी योजना बना रहे हैं।
बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष को बोर्ड के संविधान के मुताबिक मोदी को हटाने का अधिकार है और इस विकल्प का सहारा लेने पर कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी। (भाषा)