कड़ी जाँच का सामना कर रहे और लगभग अलग-थलग पड़ चुके आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने लगता है सोमवार को होने वाली संचालन परिषद की बैठक के खिलाफ अदालत जाने की योजना टाल दी है और उन्होंने सवालों के जवाब तैयार करने के लिए और अधिक समय दिए जाने की अपील की।
मोदी ने इससे पहले सोमवार को होने वाली आईपीएल की संचालन परिषद को गैरकानूनी बताया था और कहा था कि बैठक बुलाने का अधिकार केवल उन्हें हैं। लेकिन उन्होंने आज बीसीसीआई के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसी बैठक के लिए पाँच दिन का समय देने की अपील की जिससे कि वह सभी सवालों का जवाब तैयार कर सकें।
मोदी के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बीसीसीआई से कहा कि मैंने आपके लिए पाँच साल काम किया। मुझे सभी सवालों के जवाब तैयार करने के लिए सिर्फ पाँच दिन दे दीजिए। इसके साथ ही सूत्रों ने कहा कि मोदी 26 अप्रैल को संचालन परिषद की बैठक को चुनौती देते हुए अदालत नहीं जा रहे और वह सिर्फ अधिक समय देने का आग्रह कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि मोदी ने पक्ष रखा है कि आईपीएल फाइनल 25 अप्रैल को खेला जाएगा और इसलिए उनके पास अगले दिन संचालन परिषद की बैठक की तैयारी करने का समय नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक मोदी ने कहा कि सभी सवालों के जवाबों के समर्थन में मुझे दस्तावेज तैयार करने होंगे। मैंने आपके लिए बिना पैसा लिए पाँच साल तक काम किया है। इस पर विचार करते हुए मुझे दस्तावेजों के लिए केवल पाँच दिन दे दीजिए।
मोदी संभवत: क्रिकेट बोर्ड में अलग थलग महसूस कर रहे हैं क्योंकि बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर, सचिव एन श्रीनिवासन और आईपीएल उपाध्यक्ष निरंजन शाह ने पुरस्कार समारोह से दूर रहने का फैसला किया है जिसका आयोजन मोदी कर रहे थे।
आईपीएल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के सम्मान के लिए आयोजित पुरस्कार समारोह में संचालन परिषद का एकमात्र सदस्य पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर मौजूद थे।
बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि वह बैठक करेंगे और मोदी को आयुक्त के पद से हटा भी सकते हैं। (भाषा)