आज सचिन तेंदुलकर अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के इतने रिकॉर्ड हैं, कि उन्हें खुद भी याद नहीं होंगे। सचिन क्रिकेट जगत में उन्हें रिकॉर्ड तेंदुलकर के नाम से संबोधित किया जाता है। 200 टेस्ट मैच और 463 वनडे मैच खेल चुके सचिन के मन में भी क्या ऐसा कुछ है, जिसे न कर पाने का मलाल उन्हें होगा?
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24 साल से अधिक के अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में सचिन ने 200 टेस्ट में 15981 रन बनाए हैं, वहीं वनडे में उन्होंने 18426 रन बनाए हैं। ये आकंड़े अपनी कहानी कहते हैं। लगता है कि ये सचिन अकेले के रन नहीं बल्कि पूरी टीम के रन हैं। वनडे में पहला दोहरा शतक लगाने वाले सचिन के बारे में हम आपको बता रहे हैं कि क्रिकेट जगत में कुछ ऐसा भी है, जो सचिन नहीं कर पाए हैं।
कौन से रिकॉर्ड हैं, जो सचिन नहीं बना पाए। अगले पन्ने पर।
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सचिन तेंदुलकर ने दो वर्ल्ड कप फाइनल खेले, लेकिन वे भारत के लिए खास योगदान नहीं दे सके। वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल में सचिन केवल 4 रन बनाकर पहले ही ओवर में आउट हो गए। वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ वे केवल 18 रन ही बना सके। हालांकि भारत ने यह खिताब जीता था, लेकिन सचिन इसमें बड़ा योगदान नहीं दे पाए।
सचिन यह करना चाहते थे लेकिन...अगले पन्ने पर
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सचिन तेंदुलकर कभी टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज को लगातार तीन चौके नहीं जमा पाए हैं। हालांकि वनडे में वे 2007 में मोहाली में पाकिस्तान के गेंदबाज उमर गुल को लगातार तीन चौके जड़ चुके हैं।
सचिन की इमेज...अगले पन्ने पर
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सचिन ने भारतीय क्रिकेट को अमूल्य योगदान दिया है। कई मैच उनकी शानदार पारियों के कारण भारत जीता है, लेकिन फिर भी उनके आलोचक मानते हैं कि जीत की मंजिल तक पहुंचाने का उनमें दम नहीं है। हालांकि यह बहस का विषय है, लेकिन फिर भी सचिन मैच विनर की इमेज नहीं बना पाए।