ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने कहा कि ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स यदि टीम की अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दे रहे थे तो उन्हें आगामी भारत- ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला से बाहर करने का फैसला गलत नहीं था।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 96 टेस्ट मैच खेलने वाले गिलक्रिस्ट ने कहा कि उनका टीम में न होना बहुत बड़ा झटका है, लेकिन यदि वह टीम पर ध्यान नहीं दे रहा था तो यह गलत फैसला नहीं है।
साइमंड्स को बांग्लादेश के खिलाफ पिछले महीने अनिवार्य टीम बैठक में भाग लेने के बजाए मछली पकड़ने के लिए जाने के कारण भारतीय दौरे पर आने वाली टीम में नहीं चुना गया है।
गिलक्रिस्ट ने कहा कि वह (साइमंड्स) इससे जान गया होगा कि टीम में किसी की जगह पक्की नहीं है। श्रृंखला से बाहर होना हो सकता है कि उनके लिए अच्छी बात हो और वह मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होकर वापसी करें। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई उप-कप्तान को विश्वास है कि उनकी जगह विकेटकीपर चुने गए ब्रैड हैडिन उनके संन्यास लेने और साइमंड्स की अनुपस्थिति में अच्छी भूमिका निभाएँगे।
गिलक्रिस्ट ने कहा कि उन्होंने इसलिए संन्यास लिया क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना शत-प्रतिशत नहीं दे रहे हैं। गिलक्रिस्ट ने कहा कि मेरे पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बने रहने के लिए शत-प्रतिशत इच्छा और प्रतिबद्धता नहीं थी।
गिलक्रिस्ट के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछली श्रृंखला में ब्रेट ली की गेंद पर वीवीएस लक्ष्मण का कैच टपकाने के बाद से ही वह संन्यास लेने के बारे में सोचन लग गए थे। गिलक्रिस्ट ने कहा कि वह इस फैसले से खुश हैं और अब इंडियन प्रीमियर लीग पर पूरा ध्यान दे रहे हैं।
गिलक्रिस्ट से जब पूछा गया कि क्या भारत के सीनियर खिलाड़ियों विशेषकर 'फैब फोर' सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और लक्ष्मण को संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वही खिलाड़ी जानते हैं कि उनमें अच्छा प्रदर्शन करने की इच्छा शक्ति है और वह केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं बल्कि यह सब टीम की जीत के लिए करना चाहते हैं।
उन्होंने इसके साथ ही क्रिकेट को ओलिम्पिक में शामिल करने पर भी जोर दिया। गिलक्रिस्ट ने कहा कि इस खेल को बढ़ावा देने के लिए ओलिम्पिक बहुत बढ़िया जरिया हो सकता है।