प्रदेश में 'स्कूल चलो' अभियान की असफलता के कारण कई जिलों पर कार्रवाई का संकट मंडराने लगा है। इसमें भोपाल जिले के परियोजना समन्वयक को नोटिस जारी किया जा चुका है, जबकि अन्य जिलों से जानकारी माँगी गई है।
प्रदेश में सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्कूल में प्रवेश नहीं लेने वाले और बीच में ही स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को स्कूलों में लाया जाता है। बीते चार सालों की स्थिति को देखते हुए अभियान पर सवालिया निशान लग गया है। लक्ष्य के मुताबिक भोपाल जिले में चिन्हित करीब आठ हजार विकलांग बच्चों को बीते चार साल में शालाओं में नहीं लाया जा सका। इस कारण राज्य शिक्षा केन्द्र के भोपाल जिला परियोजना समन्वयक को निःशक्तजन आयुक्त ने कारण बताओ नोटिस दिया है।
अन्य जिलों में भी इसी तरह की स्थिति है, इस कारण निःशक्तजन कार्यालय ने प्रदेश के अन्य जिलों से भी सर्वशिक्षा अभियान के तहत जोड़े गए बच्चों की जानकारी माँगी है। प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में बच्चों को शालाओं से जोड़ने की स्थिति खराब है। अधिकतर जिलों में चिन्हित बच्चों में से केवल चालीस फीसदी बच्चे ही पिछले चार सालों में जोड़े जा सके हैं।