उमा भारती ने सुनाई भाजपा को खरी-खोटी

सोमवार, 14 जुलाई 2008 (20:12 IST)
भारतीय जनशक्ति पार्टी की प्रमुख उमा भारती ने कांग्रेस, सपा और वामपंथी दलों को खरी-खोटी सुनाने के साथ ही अपनी पूर्व पार्टी भाजपा की खिल्ली उड़ाई और कहा कि कभी हिन्दू हित की बात करने वाली भाजपा परवेज मुशर्रफ को भी देश का प्रधानमंत्री बनवा सकती है।

उमा ने कहा कि हाल ही में यह खुलासा हुआ कि भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के बदले सपा प्रमुख मुलायमसिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी और इस खबर की पुष्टि खुद भाजपा ने भी की।

संन्यासिन नेता ने कहा कि जिस व्यक्ति ने सैकड़ों कारसेवकों की हत्या कराई उसे भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश एक हृदय विदारक सूचना है।

उमा ने कहा कि जब भाजपा मुलायम को प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश कर सकती है तो हो सकता है कि एक दिन वह पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भी ऐसी ही पेशकश कर डाले। भाजपा की तरफ से ऐसा संभव लगता है क्योंकि लालकृष्ण आडवाणी जिन्ना को सलाम कर देश के विभाजन को स्वीकार कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से सत्ता का जो खेल चल रहा है, उसमें सिद्धांत एवं देशहित को तिलांजलि दे दी गई है।

उमा ने भाजपा से यह स्पष्ट करने को कहा कि यदि आगामी लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में राजग की सरकार बनती है तो क्या आडवाणी अयोध्या में राम मंदिर बनवाएँगे और क्या वह अमरनाथ यात्रा बोर्ड से छीनी गई जमीन वापस दिला पाएँगे।

उन्होंने यह भी पूछा कि राजग की सरकार बनने पर क्या भाजपा अनुच्छेद 370 को हटवा पाएगी? उन्होंने भाजपा से परमाणु करार पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा और पूछा कि वह करार के पक्ष में है या विपक्ष में।

मुलायम और लालू प्रसाद यादव के बारे में उन्होंने कहा कि वे संसद में महिला आरक्षण के नाम पर पिछड़ी तथा दलित महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की बात करने लग जाते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सपा और वामपंथी दल सबसे बड़े पाखंडी हैं। एक सवाल के जवाब में उमा ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार का गिरना देशहित में है क्योंकि लोग उसकी नीतियों से तंग हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के बारे में उमा ने कहा कि भारतीय जनशक्ति पार्टी अब तक 80 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, जो गाँव-गाँव पैदल जाकर मतदाताओं से मिल रहे हैं।

करार पर राष्‍ट्रीय बहस हो : उमा भारती ने कहा कि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार पर सरकार को राष्ट्रीय बहस करानी चाहिए ताकि देश के लोग इसके लाभ या हानि के बारे में जान सकें।

उन्होंने कहा कि वे खुद करार के पक्ष या विरोध में नहीं हैं, लेकिन यदि सरकार ने इस पर राष्ट्रीय बहस नहीं कराई तो वे दो अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर के लोगों को इकट्ठा करेंगी और करार को सार्वजनिक न किए जाने के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगी।

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