अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जिन्दगी और मौत से जूझ रही नन्ही बच्ची फलक के मामले में पुलिस ने शनिवार सुबह यहां उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिसने बच्ची अपनी 14 वर्षीय प्रेमिका को कथित तौर पर सौंपी थी।
टैक्सी चालक राजकुमार उर्फ मोहम्मद दिलशाद (32) का दावा है कि वह फलक को गोद लेना चाहता था क्योंकि उसका बेटा काफी बीमार था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) छाया शर्मा ने बताया कि राजकुमार को उसके बैंक खातों से हुए लेन-देन और मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस मामले में प्रतिमा नाम की एक महिला को भी गिरफ्तार किया है।
यह मामला जनवरी के आखिरी हफ्ते में सामने आया था, जब फलक को गंभीर हालत में एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
शर्मा ने कहा कि हमें जानकारी मिली कि राजकुमार के एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंकों में खाते हैं। उसके बैंक स्टेटमेंट का रोजाना आधार पर विश्लेषण किया गया। उसे पकड़ने के लिए मुखबिरों की भी मदद ली गई।
उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान राजकुमार ने कहा कि वह फलक को गोद लेना चाहता था क्योंकि उसका बेटा काफी बीमार था और इसमें वेश्यावृत्ति का कोई मामला नहीं है।
दिल्ली पुलिस इस मामले में कई लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मुख्य संदिग्ध तक वह नहीं पहुंच पा रही थी। इस मामले में उस समय नया मोड़ आया जब पुलिस ने दावा किया कि बच्ची की मां की एक महिला ने धोखे से दूसरी शादी करा दी थी और उसके तीन बच्चों को अन्य लोगों को सौंप दिया था।
मामले में जांच के बाद गत रविवार को उन दो महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन पर फलक की 22 वर्षीय मां के साथ दगाबाजी करने का आरोप है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्रकाश में आए इस मामले में कई मोड़ आए। पुलिस ने इससे जुड़े मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया।
इस बीच बच्ची को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद उसे फिर से वेंटिलेटर पर रख दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार वह पिछले तीन हफ्ते से वेंटिलेटर पर है और यह अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि बीच में कई बार वेंटिलेटर हटाया गया है। डॉक्टर के अनुसार बच्ची की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। (भाषा)