नई दिल्ली। रंगभेद विरोधी आंदोलन के प्रेणता डॉ. नेल्सन मंडेला को साहस, बलिदान और क्षमा की प्रतिमूर्ति बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वे पूरी मानवता के लिए पथ-प्रदर्शक थे।
सोनिया गांधी ने लोकसभा में मंडेला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दुनिया ने शुक्रवार को उस महान व्यक्तित्व को खो दिया जिसने रंगभेद, दमन, भेदभाव और गरीबी के खिलाफ जीवनभर पूरे साहस के साथ संघर्ष किया और हम महसूस करते हैं कि उनके निधन से हमने अपने ‘प्यारे पिता’ को खो दिया।
उन्होंने कहा कि वे करीब 27 वर्ष तक जेल में रहे लेकिन उनका साहस नहीं टूटा। जेल से बाहर निकलने और सत्ता हासिल करने के बाद भी उन्होंने बदले की भावना से काम नहीं किया बल्कि दक्षिण अफ्रीका को एकता के सूत्र में बांधकर सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए काम किया।
सोनिया ने कहा कि वे सही अर्थों में नेता थे, जो सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। उन्होंने 5 साल तक राष्ट्रपति रहने के बाद पद छोड़कर पूरी दुनिया को अद्भुद संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि मंडेला साहस, बलिदान और क्षमा की प्रतिमूर्ति थे। वे पूरी मानवता के नेता थे। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने और जेल से रिहा होने के बाद जुल्म ढाने वाले श्वेतों को क्षमा करने वाले दक्षिण अफ्रीका के पहले निर्वाचित अश्वेत राष्ट्रपति मंडेला का दुनियाभर में बहुत सम्मान है।
मंडेला का 95 साल की उम्र में शुक्रवार को तड़के जोहानसबर्ग में निधन हो गया। (भाषा)