मंदिर मुद्‍दे पर आडवाणी की चुप्पी

शनिवार, 7 फ़रवरी 2009 (22:37 IST)
अयोध्या में राम मंदिर बनाने की आस्था से भाजपा को किसी माई के लाल के डिगा नहीं सकने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथसिंह की ललकार के बाद राजग के सहयोगी दलों की तीखी प्रतिक्रिया देखते हुए पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी शनिवार को इस मुद्दे पर चुप्पी साध गए।

भाजपा की तीन दिनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान आडवाणी आज पहली बार बोले, लेकिन उन्होंने राम मंदिर मुद्दे का उल्लेख तक नहीं किया।

इससे पहले राजनाथसिंह ने राष्ट्रीय परिषद में अपने अध्यक्षीय भाषण में ललकारा था कि भाजपा को राम मंदिर बनाने की उसकी आस्था से कोई माई का लाल नहीं डिगा सकता।

भाजपा की बैठक के कार्यक्रमों के तहत ही शनिवार को यहाँ हुई आडवाणी की एक विशाल जनसभा में वे कई विषयों पर बोले लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर उन्होंने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी। यहाँ तक सिंह ने भी इस सभा में काफी देर संबोधित किया, लेकिन उन्होंने भी इस मुद्दे का जिक्र नहीं किया।

समझा जाता है कि सिंह की ललकार पर भाजपा के सहयोगी दलों जनता दल (यू) और बीजद की प्रतिक्रिया देखते हुए इस मुद्दे पर भाजपा ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।

जदयू ने सिंह के बयान पर कहा कि हम भाजपा के इस वक्तव्य से खुद को अलग रखते हैं और हम अपने इस रुख पर कायम हैं कि अयोध्या मसले का हल या तो बातचीत से हो सकता है या फिर अदालती आदेश के जरिये।

भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल बीजद ने भी इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा इस तरह का साहस नहीं दिखा सकती। इस मुद्दे विशेष पर राजग के सहयोगियों को भरोसे में नहीं लिया गया है। राजग के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में भी राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को कभी जगह नहीं मिली है।

आडवाणी ने अपने भाषण में जनता से राम मंदिर निर्माण के बारे में तो कोई वादा नहीं किया, लेकिन उनसे अपील की कि वे भाजपा को अगले लोकसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि उसके बाद भी सत्ता में बनाए रखे।

उन्होंने कहा कि जनता अगर लगातार दो कार्यकाल तक भाजपा को शासन में रखती है तो पार्टी आतंकवाद और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़कर भारत को दुनिया के विशिष्ट देशों की कतार में ला खड़ा करेगी।

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