जयपुर। राजनीति में तीन दशकों से सक्रिय और केंद्रीय मंत्री से लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री तक रह चुके अशोक गहलोत अभी तक अपना निजी वाहन नहीं खरीद सके। इस बात का खुलासा गहलोत द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र से होता है। सोने-चांदी के मामले में भी गहलोत फिसड्डी ही साबित हुए हैं। उनके पास सोना मात्र आधा तोला ही है जबकि चांदी तो है ही नही। अलबत्ता उनकी पत्नी सुनीता गहलोत के पास 23 तोला सोना और 19 तोला चांदी जरूर है।
वैसे राजनेताओं का जमीन जायदाद के प्रति प्रेम अकसर देखा जाता है। इन चुनावों में जितने भी प्रमुख नेताओं ने अपने नामांकन दाखिल किए हैं उनमें तकरीबन हर एक के पास कृषि भूमि है लेकिन गहलोत के पास स्वयं की कृषि भूमि भी नहीं है। अलबत्ता पैतृक कृषि भूमि में उनका हिस्सा जरूर है। गहलोत के पास जायदाद के नाम पर जयपुर के शिप्रा पथ मानसरोवर क्षेत्र में एक भूखंड और गुड़गांव हरियाणा की द्वारिका आवासीय योजना में एक फ्लैट भी है। इसके अलावा उनके पास विभिन्न बैंकों में तेरह लाख रुपए से ज्यादा की राशि जमा है। गहलोत के ऊपर कोई कर्ज नही है। (नईदुनिया)