धर्म एवं सच्चाई की खातिर अपने पूरे घराने की कुर्बानी देने वाले पैगम्बर सा. के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम समाज द्वारा इस वर्ष भी परंपरानुसार मोहर्रम मनाया जा रहा है। मोहर्रम की 5 तारीख यानी 3 जनवरी को ताजिए जायरीनों की जियारत के लिए रखे जाएँगे।
इस अवसर पर मोहर्रम की सातवीं तारीख ( 5 जनवरी) को मेहँदी की रात होगी। इस रात हजारों की संख्या में धर्मावलंबी ताजिए पर मेहँदी चढ़ाएँगे और फातिहा पढ़कर मन्नाते माँगेंगे।
मोहर्रम की आठवीं तारीख (6 जनवरी) को अखाड़े मल्ल, शस्त्र कौशल का प्रदर्शन कर सलामी देंगे।
नौवीं तारीख (7 जनवरी) को शहादत की रात ताजिया अपने मकाम से उठकर पूरे शहर की परिक्रमा करेंगे।
दसवीं तारीख (8 जनवरी) को योमे आशुरा के दिन ताजिया कर्बला के लिए रवाना होगा। कहा जाता है कि महाराजा यशवंतराव होलकर ने 150 साल पहले ताजियों के समक्ष मन्नाते माँगी थी, तभी से यहाँ सरकारी ताजिया परंपरानुसार बनाया जा रहा है।