संत आशारामजी बापू अपने दो दिनी प्रवास पर इंदौर शहर में पधारे। इस अवसर पर संतश्री आशारामजी बापू के सान्निध्य में हजारों भक्तों ने गुरु मंत्र दीक्षा अंगीकार की। सुबह 4 बजे से ही दीक्षा लेने वालों ने पंडाल में अपनी-अपनी जगह आरक्षित कर ली।
इनमें चार श्रेणी के साधक थे- कनिष्ठ, मध्यम, उत्तम और सर्वोत्तम। बच्चों की संख्या भी अच्छी खासी तादाद में थी।
कार्यक्रम पूरे दो घंटे तक चला और इस दौरान सिर्फ दीक्षा लेने वालों को ही पंडाल के भीतर प्रवेश दिया गया। बापूजी ने आसन, प्राणायाम, योग के साथ ही प्रतिदिन के पालनीय नियम, माला जपना, ध्यान लगाना आदि के संबंध में भी बड़ी बारीकी से बताया। सबसे अंत में गुरु मंत्र की दीक्षा दी।