उज्ज्वल है भारत का भविष्य

आलोक श्रीवास्त

युवा राष्ट्रमंडल खेल समाप्त हो चुके हैं। भारत ने अपना पदक तालिका में शीर्ष पर रहते हुए समाप्त किया। उसने 33 स्वर्ण, 3 रजत और 7 काँस्य पदक के साथ कुल 73 पदकों पर कब्जा किया। तीसरे युवा राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 7 देशों ने भाग लिया।

भारत की ओर से इस प्रतियोगिता में 75 खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। कुछ ने अपने प्रदर्शन से 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय उम्मीदें और बढ़ा दी हैं।

साइना नेहवाल, सिक्की (बैडमिंटन), नेहा, सौमी, सौम्याजीत (टेबल टेनिस), वीरधवल (तैराकी), अशर, दीपिका पटेल (निशानेबाजी), दीपिका गायकवाड (भारोत्तोलन), यूकी, कायरा (टेनिस) और रंजीत (कुश्ती) सहित कई अन्य खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है।

एक ओर अशर ने जहाँ ओलिम्पिक पदक विजेता राज्यवर्द्धनसिंह राठौड़ का रिकार्ड तोड़ा वहीं दीपिका पटेल ने भी महिला वर्ग में भारत को स्वर्ण दिलाया। बैडमिंटन में सायना का स्वर्ण जीतना तो तय माना जा रहा था लेकिन खिताबी मुकाबले में जिस तरह से उन्हें हमवतन सिक्की रेड्डी से चुनौती मिली वह यह साबित करता है कि भारतीय बैडमिंटन का भविष्य उज्ज्वल है।

टेबल टेनिस में नेहा अग्रवाल और सौमी मंडल भले ही एकल वर्ग में स्वर्ण न जीत सकी हों लेकिन उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। तैराकी में वीरधवल खडे ने पूल में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। भारोत्तोलन में दीपिका गायकवाड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा।

दीपिका के बारे में तो यहाँ तक कहा जा रहा है कि यदि इस खिलाड़ी की फार्म कायम रही तो वह भारत के लिए ओलिम्पिक में भी पदक जीत सकती हैं।

टेनिस में यूकी भांबरी और कायरा श्राफ ने अपने प्रदर्शन से स्वर्णिम भविष्य के संकेत दिए हैं। पहलवान रंजीत नलवाडे भी भविष्य में भारत के लिए कई पदक जीत सकते हैं। भविष्य के लिहाज से भारत के लिए ये खेल बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। वजह है वर्ष 2010 में भारत में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल। अपनी धरती पर होने वाले इन खेलों की तैयारियों के लिए भारत पूरे जोर-शोर से जुटा हुआ है।

निश्चित रूप से जब 2010 में भारतीय खिलाड़ी इन खेलों में भाग लेने के लिए उतरेंगे तो उन पर पहले की अपेक्षा उम्मीदों का बोझ ज्यादा होगा लेकिन यह भी सही है कि जितना उत्साहवर्द्धन भारतीय खिलाड़ियों का होगा उतना किसी अन्य देश के एथलीट का नहीं। ऐसे में भारत के पदक जीतने की संभावना का बढ़ना भी स्वाभाविक है।

साथ ही युवा राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता खिलाड़ी और परिपक्व भी हो चुके होंगे। इनमें तो कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनका राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतना तय माना जा रहा है। निश्चित रूप से यहाँ अच्छा प्रदर्शन भविष्य में 2010 राष्ट्रमंडल खेल पदक तालिका में भारत को और ऊपर उठाएगा।

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