भारत की निगाहें शानदार प्रदर्शन पर

शनिवार, 1 मार्च 2014 (15:31 IST)
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नई दिल्ली। भारतीय टीम नए कोच टेरी वॉल्श के मार्गदर्शन में बुधवार को यहां मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में शुरुआती हीरो हॉकी विश्व लीग फाइनल्स में घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन करना चाहेगी जिसमें टीम अपने अभियान की शुरुआत ऊंची रैंकिंग पर काबिज इंग्लैंड के खिलाफ करेगी।

यह टूर्नामेंट भारत के लिए इस साल के अंत में हॉलैंड के हेग में होने वाले विश्व कप के लिए बढ़िया तैयारी होगा। दुनिया की शीर्ष 7 टीमें इसमें भाग लेंगी, भारतीय टीम के लिए विश्व कप की तैयारियों की इससे बेहतर तैयारी नहीं हो सकती थी।

भारत को खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए कि वह हॉकी विश्व लीग के फाइनल में भाग लेने वाली एक टीम है। टीम हालांकि सीधे क्वालीफाई करने में असफल रही लेकिन मेजबान देश होने के नाते वह इसमें स्थान बनाने में कामयाब रही।

भारत को इस साल के अंत में प्रतिष्ठित चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी भी करनी है और खिलाड़ियों के लिए इन मौकों का फायदा उठाने का अच्छा समय है। हॉकी विश्व लीग फाइनल सरदार सिंह की अगुवाई वाली टीम के पास दुनिया को यह दिखाने का मौका होगा कि भारतीय हॉकी पुरानी प्रतिष्ठा हासिल करने की राह पर बढ़ रही है।

एशिया कप में रजत पदक के अलावा भारत के लिए 2013 में कोई बेहतरीन प्रदर्शन नहीं रहा। भारतीय हॉकी विश्व लीग के रोटरडम में सेमीफाइनल में निराशाजनक 6ठे स्थान पर रहे, लेकिन अब फाइनल में 8 बार की ओलंपिक चैंपियन को कड़ी प्रतिद्वंद्वी जैसे जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और हॉलैंड को पछाड़ना होगा।

भारत पूल ए में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की नंबर एक टीम जर्मनी, दुनिया की 4थे नंबर की इंग्लैंड और 7वीं रैंकिंग पर काबिज न्यूजीलैंड के साथ मौजूद है। पूल बी में ऑस्ट्रेलिया, हॉलैंड, बेल्जियम और अर्जेंटीना की टीमें शामिल हैं।

इसलिए भारतीयों के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, जो विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज है। वॉल्श के खिलाड़ियों को अगर नॉकआउट चरण में जगह बनानी है तो उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा।

हमवतन माइकल नोब्स से नवंबर में टीम की जिम्मेदारी संभालने वाले वॉल्श और उनके सहयोगी स्टाफ के लिए हॉकी विश्व लीग फाइनल सही मायने में पहला परीक्षण होगा।

कुछ अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भारत ने फाइनल में नई टीम उतारी है। फारवर्ड एसवी सुनील और युवराज वाल्मीकि ने चोटों और खराब फॉर्म के कारण 1 साल तक बाहर रहने के बाद वापसी की है। (भाषा)

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