कॉमनवेल्त गेम्स की रजत पदक विजेता रितुल चटर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने निजी ट्रेनर लेनिन चेरुकुरी को ही नहीं खोया बल्कि अपना बड़ा भाई भी गँवा दिया जिसे वह ‘दादा’ कहती थी।
रविवार तड़के यहाँ एक सड़क दुर्घटना में लेनिन की मौत हो गई जबकि रितुल को कोई चोट नहीं आई। गाड़ी चला रहे लेनिन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बाकी लोगों को चोटें नहीं आई। लेनिन पहले बीच की पंक्ति में रितुल के साथ बैठे थे लेकिन बाद में उन्होंने गाड़ी चलाने का फैसला किया।
रितुल ने कहा कि उन्होंने लेनिन को बचाने का हरसंभव प्रयास किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि मैं गहरी नींद में थी और गाड़ी को झटका लगने पर उठी। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि मैं कुछ नहीं सोच पाई। जब मैंने अपनी आंखे खेली तो लेनिन दादा दरवाजे से बाहर गिर चुके थे और उनका काफी खून बह रहा था।
उन्होंने कहा कि उनके मुँह और नाक से खून बह रहा था। हमने खून रोकने का प्रयास किया और मदद भी बुलाई। हमने साँस लेने के लिए उनकी छाती पर दबाव भी बनाया। एंबुलेंस 40 मिनट में पहुँची लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो गया था। (भाषा)