चौतरफा आलोचनाओं से घिरे कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को शनिवार को पत्रकारों के कठिन सवालों का सामना करना पड़ा और उन्होंने खेलों से पहले उठ रहे विवादों के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी को स्वीकार किया।
कलमाड़ी ने संवाददाता सम्मेलन में सवालों की बौछारों के बीच कहा कि मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूँ। मैं जिम्मेदारी लेता हूँ। यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन काश स्टेडियम हमारे हवाले थोड़ा समय पहले कर दिए गए होते।
कलमाड़ी ने यह भी स्वीकार किया कि आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट को भारतीय और अन्य देशों के सफाई के स्तर में अंतर वाले बयान को देने की जरूरत नहीं थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ के अध्यक्ष माइक फेनेल और मुख्य कार्यकारी माइक हूपर के साथ एक ही मंच पर बैठे कलमाड़ी ने कहा कि अभी भी ‘कुछ’ काम शेष हैं लेकिन उन्होंने पूरा ‘भरोसा’ जताया कि तीन अक्टूबर को उद्घाटन समारोह से पहले सब कुछ ठीक हो जाएगा।
कलमाड़ी ने उस सवाल को टाल दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या सीजीएफ और फेनेल ने सारे आरोप आयोजन समिति पर मढ़ दिए हैं।
कलमाड़ी ने कहा कि मै नहीं समझता कि उन्होंने (फेनेल) आयोजन समिति पर अँगुली उठाई है। डेवलपर्स को स्टेडियम आयोजन समिति को सौंपने थे उसके बाद ही हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है। जहाँ तक खेल गाँव का सवाल है 18 टावर हमें दिए गए थे, हमने वहाँ पर काम कर दिया है, जबकि शेष 18 देरी से सौंपे गए यहीं पर समस्या पैदा हुई।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि आयोजन समिति ने इन खेलों पर 30 से 40 हजार करोड़ खर्च किए जबकि सच्चाई यह है कि हमें केवल 1600 करोड़ अलाट किए गए थे। (भाषा)