साइकिलिस्ट को नई साइकिलों का इंतजार

रविवार, 1 अगस्त 2010 (15:09 IST)
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राष्ट्रमंडल खेलों में अब लगभग दो महीने का समय बचा है लेकिन जहाँ तमाम खिलाड़ी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं, वहीं भारतीय साइकिलिस्ट को नई साइकिलों और इससे जुड़े अन्य उपकरणों का इंतजार है।

भारतीय साइकिलिस्ट अभी पुरानी साइकिलों से अभ्यास कर रहे हैं और टीम के राष्ट्रीय कोच का मानना है कि इससे तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले खेलों में अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं किया जा सकता है।

भारतीय खिलाड़ियों को हाल में इंदिरा गाँधी खेल परिसर के नवनिर्मित साइकलिंग वेलोड्रोम पर हुए ‘इनविटेशनल साइकिल’ टूर्नामेंट में भी पुरानी साइकिलों ही उतरना पड़ा था जिसमें उसने कुल 12 पदक जीते थे। इसमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और चीनी ताइपे की ‘ए’ टीमों ने भाग लिया था।

राष्ट्रीय कोच चयन चौधरी का कहना है कि खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए फिलहाल खुद खरीदी गईं साइकिलों से अभ्यास कर रहे हैं लेकिन उन्हें नए उपकरणों की जरूरत है।

चौधरी ने कहा कि हमारे खिलाड़ी फिलहाल खुद के खर्चे से खरीदीं साइकिलों और अन्य उपकरणों से अ5यास कर रहे हैं । ये :साइकिलें: पुरानी हैं। उन्हें जल्द ही नए उपकरणों की जरूरत है।

चौधरी ने कहा कि भारतीय साइकिलिंग महासंघ सरकार को इस बारे में बता चुका और उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ियों को जल्द ही उपकरण मिल जाएँगे। मुख्य कोच ने कहा कि मैंने और भारतीय साइकिलिंग महासंघ ने इस बारे में पहले ही सरकार को बता दिया है और हमें उम्मीद है कि खिलाड़ियों को उपकरण सही समय पर मिल जाएँगे ताकि वे तैयारियाँ कर सकें।
चौधरी से जब पूछा गया कि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की पदक जीतने की कितनी उम्मीद है? उन्होंने कहा कि अगर ये उपकरण सही समय पर मिल जाते हैं तो कुछ पदकों की उम्मीद की जा सकती है। 'इनविटेशनल साइकिलिंग' टूर्नामेंट में एक स्वर्ण और दो काँस्य सहित कुल तीन पदक जीतने वालीं भारतीय साइकिलिस्ट महिता मोहन ने भी कहा कि वह और उनकी पूरी टीम राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन करना चाहती हैं लेकिन उसके लिए नई साइकिलों की जरूरत है।

‘बेस्ट इंडियन राइडर’ अवॉर्ड जीतने वालीं महिता ने कहा क‍ि फिलहाल सभी खिलाड़ी अपने पैसों से खरीदी साइकिलों से अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन ये साइकिलें पुरानी हैं। हमें नई साइकिलों की जरूरत है। (भाषा)

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