उत्तरप्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के तहत बुधवार को पहले दौर का मतदान होगा। इस चरण में सूबे के दो मंत्रियों, 31 विधायकों तथा 15 पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई सांसदों के रिश्तेदारों एवं चुनाव मैदान में कूदे माफियाओं के चुनावी भाग्य का फैसला होगा।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक पहले चरण के चुनाव में प्रदेश के सीतापुर, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर तथा बस्ती जिलों की कुल 55 विधानसभा सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा। इसके लिए 13186 मतदान केन्द्र तथा 17621 मतदेय स्थल बनाए गए हैं जिन पर 19383 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें इस्तेमाल की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि पहले चरण के चुनाव में 92 लाख 87 हजार 233 पुरुष, 77 लाख 56 हजार 551 महिला तथा 777 अन्य श्रेणी के मतदाताओं समेत कुल एक करोड़ 70 लाख 44 हजार 561 वोटर 862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतों की गिनती छह मार्च को होगी।
पहले चरण के चुनाव के लिए 6855 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील माना गया है। इस दौर के चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त तरीके से सम्पन्न कराने के लिए दो लाख से ज्यादा केन्द्रीय बलों तथा पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा की कमान केन्द्रीय बलों के हाथ में होगी जबकि राज्य पुलिस उनका सहयोग करेगी।
मतदान वाले जिलों की सीमाओं पर कड़ी चौकसी बरती जाएगी। मतदाताओं को धमकाने की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। चुनाव के पहले चरण में मुख्यमंत्री मायावती के करीबी सहयोगी राज्य के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री लालजी वर्मा और वस्त्रोद्योग एवं रेशम उद्योग राज्यमंत्री संग्राम सिंह वर्मा, 31 मौजूदा विधायकों तथा 15 पूर्व मंत्रियों की किस्मत का फैसला होगा।
अम्बेडकर नगर के टाण्डा क्षेत्र से तीन बार के विधायक लालजी वर्मा नए परिसीमन के कारण समीकरण बदलने के चलते अब जिले की कटेहरी सीट से मैदान में है। बदले माहौल में इस बार के चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
नए परिसीमन में समाप्त हो चुकी नवाबगंज सीट से विधायक संग्राम सिंह वर्मा नवसृजित बाराबंकी सीट से मैदान में हैं। उनका मुकाबला इसी सीट से तीन बार विधायक रह चुके कांग्रेस प्रत्याशी छोटेलाल वर्मा से है।
इस चरण में कभी समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायमसिंह यादव के सबसे करीबी रहे और बाद में कांग्रेस का दामन थामकर केन्द्रीय इस्पात मंत्री बने बेनीप्रसाद वर्मा की ताकत की भी परीक्षा होगी। उनके बेटे और प्रदेश के पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा बाराबंकी की दरियाबाद सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
राकेश पिछली बार इसी सीट से चुनाव हार चुके हैं लिहाजा इस बार के चुनाव उनके साथ-साथ उनके पिता बेनी प्रसाद वर्मा के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल होंगे। (भाषा)