खुली छत के नीचे बीते बारिश के दो दिन 00 डंगनिया में टूटे मकानों के बाद का मंजर-
सोमवार, 2 जनवरी 2012 (01:01 IST)
डंगनिया के लोगों ने नया साल टूटे मकानों के बीच में मनाया। वहीं दूसरी ओर शनिवार एवं रविवार की रात लोगों की बारिश के पानी में बीती। लोगों के घरों में बारिश का पानी टपकता रहा। घरों में भरा पानी लोग दिनभर उलीचते रहे। मौके पर नईदुनिया ने जाकर देखा तो टूटे मकानों के बाद मंजर कुछ अलग ही था। कुछ लोगों का व्यवस्थापन अरिहंत नगर में किया गया है मगर वे लोग वहां पर नहीं गए।
नगर निगम ने चार दिन पहले अनुपम गार्डन से लेकर सुंदरनगर चौक तक लगभग 62 मकानों पर बुलडोजर चलाकर तोड़ा था। तोड़ने के बाद लोगों ने जमकर विरोध भी किया। सियासत के गलियारें में भी जमकर रोष था।
अरिहंत नगर में जाने से इंकार
नगर निगम के बाम्बे योजना के तहत अरिहंत नगर में 400 के करीब मकान बने हुए है। इन मकानों में डंगनिया के लगभग 7 परिवारों को व्यवस्थापन दिया गया है। व्यवस्थापन के बाद कुछ परिवार वहां के मकानों को देखने गए थे। मगर मकानों को देखकर किसी भी परिवार ने वहां रहने पर सहमति नहीं दी। जोन कमिश्नर पांच विनोद पांडेय ने बताया कि अरिहंतनगर में मकान एलाट किए गए है। मकानों को परिवार के मुताबिक दिया जा रहा है। चार सदस्य से अधिक होने पर दो मकान एलाट किए जा रहे हैं। अरिहंतनगर में एम्स से हटाई गई झुग्गी बस्ती के लोग रह रहे है। एक ब्लाक में इन्हें एलाट किया गया है। सुरेश जैन जिन्हें डंगनिया से अरिहंतनगर में व्यवस्थापन दिया है। मगर उन्होंने वहां जाने से इंकार कर दिया।
झांकने भी नहीं पहुंचा कोई
बारिश में लोगों के टूटे मकानों को देखने और उनके हालचाल पूछने के लिए रविवार को कोई नहीं जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा। सिर्फ कागजों में ही लोग विज्ञप्ति जारी कर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अभी तक किसी बड़े जनप्रतिनिधि ने मौके पर जाकर लोगों से मुलाकात नहीं की।
मलबा हटाने में बीता नया साल
नगर निगम का अमला नए साल में भी मलबा हटाने में भिड़ा रहा। मौके पर जोन कमिश्नर, ईई से लेकर सब इंजीनियर, पुलिस बल, सिक्युरिटी गार्ड सहित थ्रीडी, डंपर चलाने वाले लोग भी लगे रहे।
सड़क का निर्माण होगा शुस्र्
एक-दो दिन में डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण शुस्र् हो जाएगा। मलबा हटाने के कारण काम शुस्र् नहीं हो सका है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार-बुधवार तक सड़क कार्य शुस्र् होगा।
वर्सन
लोगों को व्यवस्थापन दिया जा रहा है। कुछ लोगों को अरिहंत नगर में व्यवस्थापन दिया गया है। दुकानों के लिए स्थान की तलाश की जा रही है। शासन स्तर पर मुआवजे को लेकर निर्णय लिया जाएगा।