पदयात्रियों ने किया धार जिले में प्रवेश

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011 (01:25 IST)
राजघाट कोटेश्वर नर्मदा पंचक्रोशी पदयात्रा बुधवार को धार जिले में प्रवेश कर गई। गत दो दिनों में पदयात्री 38 किमी की यात्रा कर चुके हैं। नर्मदा किनारे के गाँवों में जगह-जगह इनका स्वागत किया जा रहा है। रात्रि विश्राम के दौरान भजन-कीर्तन के आयोजन चल रहे हैं।


मंगलवार को राजघाट से निकली पंचक्रोशी पदयात्रा ग्राम पेंड्रा पहुँची, जहाँ सेवाभावी लोगों ने प्रसाद वितरण किया। इसमें ग्रामीण दिनेश मंडलोई, लोकेश कोचे, कमल नागर, तेरसिंह अवास्या, दिनेश कोचे का सहयोग रहा। पश्चात सोंदूल पहुँचकर पदयात्रियों ने रात्रि विश्राम किया। बुधवार सुबह पदयात्रियों ने नर्मदा स्नान व ध्वज पूजन पश्चात सोंदूल पुनर्वास मार्ग के प्राचीन राजगढ़ी डेरा शिवमंदिर में दर्शन किए। कई श्रद्घालुओं ने गोई नदी में स्नान भी किया। वहाँ से भवती होते हुए अमलाली पहुँचे। दोपहर में ग्रामवासियों ने चाय व भोजन प्रसादी का वितरण किया। पश्चात नावों से नर्मदा नदी पार कर पंचक्रोशी यात्रियों ने धार जिले के डेहर में प्रवेश किया। पिपरीपुरा पहुँचकर दुर्गा मंदिर में दर्शन कर चंदनखेड़ी होते हुए हनुमान मंदिर पहुँचे। वहाँ से ग्राम भवरिया में प्रवेश कर रात्रि विश्राम किया, जहाँ भोजन एवं चाय की व्यवस्था मोहर भाई पाटीदार एवं ग्रामीणों ने की। रात्रि में भजन-कीर्तन भी हुए।


यात्रा संचालक शंकर यादव व सोमेश्वर पुरोहित ने बताया कि पंचक्रोशी पदयात्रा में 8 वर्ष के बच्चे से 80 वर्ष के वृद्ध तक शामिल हैं। ये पदयात्री दो दिनों में 38 किमी की पदयात्रा कर चुके हैं। 8 दिसंबर को पदयात्री भवरिया से धुलसर मार्ग होते हुए कटनेरा जाएँगे। वहाँ माँ अंबे व गोपीनाथ मठ पहुँचेंगे। पश्चात निसरपुर के मंदिरों में दर्शन कर कोटेश्वर तीर्थ क्षेत्र में प्रवेश करेंगे और रात्रि विश्राम होगा। कोटेश्वर में अखंड रामधुन कल्पतरू आश्रम द्वारा भोजन व प्रसादी वितरित की जाएगी। श्री यादव ने बताया कि पदयात्रा का समापन 10 दिसंबर को राजघाट में होगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें