कब लगेंगे बिजली के मीटर?

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012 (07:40 IST)
विद्युत वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। नए कनेक्शन लेने के लिए आवेदन दिए कई महीने हो गए, परंतु मीटर लगाने में अधिकारी व कर्मचारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। कई उपभोक्ता तो केबल लेकर आ गए, फिर भी उन्हें टालमटोल की जा रही है। बंद मीटर की शिकायत भी बढ़ती जा रही है।


विद्युत वितरण कंपनी की आर्थिक स्थिति लगातार गड़बड़ा रही है। ऐसी स्थिति में बगैर मीटर के बिजली सप्लाय कंपनी की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने में अहम भूमिका अदा कर रही है। शहर में बड़ी संख्या में बगैर मीटर के उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली सप्लाय हो रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं द्वारा बेतहाशा बिजली का उपयोग भी किया जा रहा होगा। गत दिवस कई उपभोक्ताओं ने एक साथ आवेदन देकर अपने घर मीटर लगाने की माँग कंपनी के अधिकारियों से की।


बावड़िया के गणेशप्रसाद चौधरी ने बताया कि उन्होंने मीटर लगाने के लिए 10 दिन पहले आवेदन दिया था। उन्हें कहा गया कि वे केबल लेकर आ जाएँ तो मीटर लगा दिया जाएगा। अब वे केबल लेकर आ गए तो कहा गया कि स्वयं ही किसी से कहकर केबल लगवा लें। श्री चौधरी का कहना है कि यदि हम स्वयं किसी अनजान व्यक्ति को पोल पर चढ़वाते हैं और हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।


कमल सितावले के घर इसलिए मीटर नहीं लगाया गया कि बोर्ड उनके घर के अंदर लगा हुआ है। उनसे कहा गया कि वे अपने घर से बोर्ड स्वयं ही बाहर लगा दें। इसी तरह की स्थिति रमेश नागर, तुलसीराम नागर, नियाज मोहम्मद, सफी उल्लाह अंसारी ने बताई। सफी उल्लाह अंसारी ने बताया कि उनके घर मीटर सालभर से बंद है। आवेदन देने के बावजूद बंद मीटर को नहीं सुधारा गया। अब अनुमानित खपत के आधार पर बिल दिया जा रहा है।


इंटक नेता महेश राजपूत व विकास लोखंडे ने बताया कि हमने विभाग को कई उपभोक्ताओं के नाम सहित लिस्ट दी है। इन उपभोक्ताओं ने केबल लाकर अन्य औपचारिकता पूरी कर ली है। लेकिन मीटर नहीं लगाए गए। कुछ उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं, उन्हें अनुमानित बिल थमाया जा रहा है। बिजली कंपनी स्वयं ही ईमानदार उपभोक्ताओं को चोरी करने के लिए मजबूर कर रही है। श्री लोखंडे का कहना है कि यदि एक सप्ताह में सुनवाई नहीं हुई तो बिजली विभाग के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर विरोध जताएँगे।

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