यातायात बदहाल

बुधवार, 8 फ़रवरी 2012 (14:58 IST)
शहर में बिगड़ती यातायात व्यवस्था ने सबको परेशान कर दिया है। रविवार को एबी रोड पर गेल कंपनी द्वारा खुदाई की वजह से फूटी पानी की पाइप लाइन से सोमवार को दिनभर वाहनों की कतारें लगी रहीं। मंगलवार को पाइप लाइन सुधार दी गई। लेकिन गड्ढे के कारण यातायात बाधित हुआ और वाहन रेंगते हुए निकले। यातायात पुलिस का कहना है कि शहर में जब देखो तब सड़कें खोद दी जाती हैं, ऐसे में सुधार हो तो कैसे?


उल्लेखनीय है कि शहर के यातायात को सुधारने के लिए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लगातार चर्चा होती रही है। यातायात पुलिस द्वारा सड़कों का चौड़ीकरण कर यातायात ठीक करने की कवायद की गई। इसके बावजूद समस्या से निजात नहीं मिली। बस संचालकों को काबू में करने के लिए योजना बनाकर उन पर नियम लागू किए गए, जिनमें चालकों और परिचालकों के लिए गणवेश अनिवार्य कर बस में कुछ जरूरी मोबाइल नंबर लिखने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन उक्त योजना सिर्फ उज्जैन रोड पर संचालित बसों में लागू हो पाई है। इंदौर रुट पर इसे लागू होने में समय लगेगा। इसके अलावा टाटा मैजिक और टेम्पो चालकों पर सख्ती बरती गई थी। कुछ दिनों तक तो इसका असर दिखा, लेकिन बाद में स्थिति पूर्ववत हो गई।


शहर का यातायात बिगड़ने के पीछे शहरवासी ही ज्यादा जिम्मेदार हैं। पुलिस के मुताबिक यातायात पुलिस सिर्फ चालानी कार्रवाई कर सकती है। सावधानी बरतने का काम नागरिकों को ही करना होगा। कई बार लोग बगैर इंडिकेटर या हाथ दिए अचानक पलट जाते हैं, जिससे पीछे आ रहे वाहन चालक कुछ समझ नहीं पाते और दुर्घटना हो जाती है। वाहन चलाते वक्त ओवरटेकिंग और गलत दिशा में चलना भी हादसों का कारण बनता है। ताजा स्थिति में लोग मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाते हैं, जिससे ध्यान भंग होता है।


पार्किंग समस्या के कारण भी यातायात बाधित होता है। इसके लिए यातायात पुलिस ने नगर निगम के सहयोग से नई योजना बनाई है। यातायात थाना प्रभारी किरण शर्मा ने बताया कि नगर निगम ने पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए करीब चालीस बोर्ड बनवाए हैं। इनको शहर के प्रमुख मार्गों पर लगाया जाएगा। यदि कोई भी व्यक्ति नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़े करता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा नई क्रैन का अनुबंध किया है, जो शहर में घूमकर नो पार्किंग क्षेत्र में खड़े वाहनों को जब्त करेगी। ई-चालान योजना भी माह के अंत तक शुरू कर दी जाएगी। यातायात सुधारने के लिए शासन को भी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना होगा।

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