अपराध के दौरान मदद करेगा जीपीएस

शुक्रवार, 16 मार्च 2012 (00:55 IST)
जिला पुलिस बल के करीब 47 वाहनों में अब 'जीपीएस' यानी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम लगा दिए गए हैं। इससे रोड गश्त देने वाले पुलिस के चारपहिया व मोटरसाइकल वाहनों तक के लोकेशन के बारे में पुलिस के आला अधिकारी को जानकारी रहेगी। पुलिस कप्तान का कहना है कि यह प्रणाली पुलिसकर्मियों की निगरानी नहीं, बल्कि किस वाहन को कब, कहाँ भेजना है इस पर मदद करेगी। करीब 8-10 दिन पूर्व लगाए गए इस सिस्टम से रोड गश्त में काफी सुधार आया है।


पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सक्सेना ने बताया कि हम रात्रि में रोड गश्त बेहतर करने के लिए हम प्रयासरत हैं। दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन में जीपीएस सिस्टम लगाया है। तकनीकी और प्रशासनिक रूप से अभी तक इस सिस्टम में हमें प्रतिसाद मिला है। उन्होंने कहा कि हमने पहल की है कि पुलिस विभाग में आधुनिकीकरण किया जाए। इसके तहत कई सारी सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।


समय की होगी बचत

श्री सक्सेना ने एक उदाहरण देकर बताया कि यदि रात्रि में एक घटना होती है और उस स्थान पर पुलिस बल व वाहन भेजना है तो हम लोकेशन पता कर सबसे पहले उस वाहन को भेजेंगे, जो घटना स्थल से नजदीक है। उन्होंने कहा कि कई बार यह होता है कि लोकेशन पता नहीं होने के कारण दूर वाले वाहन को सूचना दे दी जाती है, जिससे कि समय अधिक लग जाता है। इस तरह 'जीपीएस' का एक बड़ा लाभ यह मिलेगा। हमें अभी तक इसमें सफलता मिली है।


एक पंथ दो काज

पुलिस कप्तान भले ही अपने कर्मचारियों पर निगरानी रखने की बात से इंकार कर रहे हैं, किंतु पुलिसकर्मियों को इस बात का अहसास है कि उनकी लोकेशन की निगरानी रखी जा रही है। अब रोड गश्त के दौरान गलत लोकेशन या भ्रमण करते हुए नहीं पाए गए तो उसमें पुलिस की उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने की संभावना रहेगी। -निप्र

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