प्रभारी कलेक्टर ने लगाया मीडिया पर अंकुश!

शनिवार, 7 जनवरी 2012 (00:52 IST)
प्रभारी कलेक्टर ने जिले में एक नया फरमान जारी किया है। जिसमें स्पष्ट कहा कि कोई भी विभाग प्रमुख अधिकारी अब विभागीय जानकारी या सूचना का प्रसार किसी भी माध्यम से नहीं करेगा। यदि कोई जानकारी सार्वजनिक करना होगा, तो उसे जनसम्पर्क अधिकारी के माध्यम से करना होगा। इस आदेश को मीडिया पर अंकुश के रूप में माना जा रहा है।


जानकारी के अनुसार कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे के लंबे अवकाश पर होने के कारण जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी मदन कुमार को प्रभारी कलेक्टर बनाया गया है। प्रभारी कलेक्टर के रूप में श्री कुमार ने 4 जनवरी को एक आदेश जारी किया है।


जिसमें बिंदु क्रमांक 3 में लिखा है कि '' कोई भी अधिकारी-कर्मचारी विभागीय जानकारी या सूचना का प्रसार किसी भी माध्यम से नहीं करेगा और न ही अपने कार्यालय में होने देगा। विभाग प्रमुख जो भी जानकारी सार्वजनिक करना चाहेंगे, वह जिला जनसम्पर्क अधिकारी के माध्यम से करेंगे।


इसी आदेश में सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के कार्य को महत्वपूर्ण बताते हुए जनगणना में संलग्न अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। विशेष परिस्थति में अवकाश के लिए जिला पंचायत (एसजीएसवाय शाखा) से अभिमत मिलने के बाद प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी कलेक्टर तथा तृतीय श्रेणी के कर्मचारी अपर कलेक्टर से स्वीकृति ले सकेंगे।


आदेश में यह भी लिखा है कि शासन के आदेश एवं निर्देशों के तहत किए जाने वाली कार्रवाई, सक्षम न्यायालय के आदेशों का क्रियान्वयन, सूचना के अधिकार के आवेदनों पर कार्रवाई पर उक्त आदेश का पालन नहीं होगा।


जिले के सभी अधिकारियों को अब आईटी एक्ट पढ़ना होगा, क्योंकि बहुत कम अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें इस एक्ट के बारे में जानकारी हो। सभी अधिकारी/ विभाग प्रमुख के लिए कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि जानकारी देते समय इनफार्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट 2000 एवं इसके अन्तर्गत बने नियमों का पालन करना होगा। अब अधिकारियों के सामने समस्या यह है कि वह किसी भी जानकारी को देते समय इनफार्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट 2000 एवं इसके अन्तर्गत बने नियमों को पहले पढ़े फिर जानकारी दें। अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

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