पेंशनर्स एसोसिएशन मप्र के तत्वावधान में मंगलवार को पेंशनर्स ने कलेक्टोरेट के समक्ष धरना देकर आवाज बुलंद की। इस दौरान 13 सूत्रीय माँगों के समर्थन में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपा गया।
प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा ऐसे परिवार है जो 3500 रुपए से कम पेंशन राशि पर जीवन निर्वाह करने को विवश है। महँगाई के इस दौर में यह राशि अत्यंत कम है। शासन को न्यूनतम पेंशन राशि की सीमा में वृद्घि करना चाहिए। पेंशनर्स को रियायती चिकित्सा योजना का लाभ शीघ्र दिया जाए। अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार पुनरीक्षित पेंशन 1 जनवरी 06 से लागू कर 32 माह का लंबित ऐरियर दिया जाए। हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार 19 माह के महँगाई भत्ते की नोशनल तारीख शीघ्र तय हो। विधवा पेंशनर्स को आयु प्रमाण पत्र देने की अव्यवहारिक शर्त समाप्त हो। पेंशनर्स की मृत्यु उपरांत अविवाहित पुत्री को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन देने की बाध्यता केंद्र की तरह खत्म हो। पेंशन पासबुक एकाउंड में जमा धनराशि का मदवार विवरण दिया जाए। हाईकोर्ट जबलपुर ने शिक्षक संवर्ग को 24 वर्ष के सेवाकाल पर द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ 19 अप्रैल 99 से देने का निर्णय लिया था जिसे मंत्री परिषद ने 19 मई 10 से मान्य किया है। वर्ष 2000 में सांराशिकरण की धनराशि पर लगाई शर्त समाप्त हो। प्रदेश के पेंशनर्स को 1 जुलाई 11 से 7 प्रतिशत महँगाई राहत दी जाए। पेंशनर्स एसोसिएशन केा कार्यकलापों के लिए शासकीय भवन या भूखंड आवंटित की जाए। पेंशनर्स एसोसिएशन को शासन के निर्देशों की जानकारी एवं प्रति उपलब्ध कराई जाए।
इन माँगों को लेकर आंदोलित पेंशनर्स ने धरना स्थल पर नारेबाजी की। दोपहर 2 बजे रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहुँचकर एसोएिसशन के जिला अध्यक्ष मांगीलाल कानुनगो के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया।