कालूजी महाराज की समाधि पर मेला 5 दिसंबर से

शनिवार, 26 नवंबर 2011 (01:38 IST)
जिले के ग्राम स्थल पिपल्याखुर्द में संतश्री कालूजी महाराज के नाम पर लगने वाला पशु मेला 5 दिसंबर से प्रारंभ होगा। जागीरदारी समय से लगने वाला निमाड़ का यह मेला प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में भी ख्याति प्राप्त है। इसके प्रति किसानों में इतना आकर्षण है कि पाँच-छः दिन पहले से ही पशुओं की आवक शुरू हो जाती है। मेला 30 दिसंबर तक चलेगा।


बड़वाह-धामनोद राजमार्ग पर पिपल्याबुजुर्ग से एक किमी दूरी पर सिंगाजी के पुत्र श्री कालूजी महाराज ने लगभग 400 वर्ष पूर्व समाधि ली थी। संतश्री की लोकप्रियता का बखान आज भी बुजुर्ग लोग करते हैं। निमाड़ी भजनों में भी संतश्री का विशेष उल्लेख आता है। समाधि को लेकर निमाड़ में किंवदंती भी प्रचलित हैं। समाधि स्थल पर अखंड ज्योत भी जल रही है। मेला अवधि के दौरान उनके वंशज खजूरी से यहाँ आकर मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं। इस मेले में निमाड़ी नस्ल के बैलों के साथ राजस्थानी नस्ल के बैल बिकने आते हैं। निमाड़ी नस्ल की केड़ा जोड़ी महाराष्ट्र के किसानों की पहली पसंद होते हैं। किसानों ने बताया कि कपास की खेती के लिए निमाड़ी नस्ल के बैल मजबूती में बेजोड़ माने जाते हैं।


पंचायत संभालेगी व्यवस्था

मेला समिति के अध्यक्ष एवं सरपंच बरझरसिंग सोलंकी एवं सचिव सुरेश तटवारे ने बताया कि ग्राम पंचायत की बैठक में मेले की विभीन्ना व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया। सरपंच, सचिव, उपसरपंच दिलीप सिटोले एवं पंचों की देखरेख में मेला चलेगा। दुकानदारों को भूमि आवंटन 3 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। पानी, प्रकाश एवं सुरक्षा के विशेष इंतजाम रहेंगे। मेले को बिजली कटौती से मुक्त रखने की माँग जिला प्रशासन से की गई है।

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